विशाल भण्डारे के साथ सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का समापन
माही की गूंज, अमझेरा।
ग्राम जीराबाद के समीपस्थ वनवासी क्षेत्र के ग्राम बेकल्यिा में चल रही शिव महापुराण कथा के समापन पर सोमवार को राष्ट्रीय संत गोपालकृष्णजी महाराज ने प्रवचन के दौरान बताया कि, हमारे पूर्वजों ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया तथा धर्म परिवर्तन के किसी भी प्रकार के लालच में नहीं आये। जिसके कारण आज हम सभी यहाॅ शिव महापुराण की कथा का श्रवण कर रहे है। उन्हौने बताया कि, भारत हिन्दू राष्ट्र था और रहेगा और अखण्ड भारत की स्थापना के साथ ही भारत को विष्व गुरू बनाना है। साथ ही उन्हौने बताया कि, वनवासी अंचलो में कथा करना उनकी प्राथमिकता रहती है क्योंकी कई बार ऐसे वनवासी ग्राम जो आर्थिक स्तर से मजबुत नहीं होते है और जहाॅ बड़े स्तर की कथा नहीं हो पाती है वहाॅ वे अवष्य कथा करते है। उनकी कथाओं का एक ही उद्देष्य होता है कि लोग अपने धर्म के प्रति सजग रहे तथा धर्म परिवर्तन के प्रलोभन में ना फंसे। कथा के समापन पर शिव महापुराण कथा समिति के द्वारा विषाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया, जिसमे बड़ी संख्या में आस-पास के ग्रामिण अचंलो से आये श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष सरदारसिंह मेड़ा, विकास मेहरवाल, शेखर जायसवाल आदि जनप्रतिधिगण सहीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खण्ड अमझेरा के विस्तारक कृष्णा तेजस्वी, विक्रमसिंह राठौर, विजयकुमार शर्मा के द्वारा संतश्री का पुष्पमाला पहना कर स्वागत किया गया।