आदिवासी छात्र संगठन कर रहा आंदोलन की तैयारी
माही की गूंज, अलीराजपुर
जिले में कॉलेज में पढ़ रहे एक भी छात्र को पिछले दो वर्षो से आवास भत्ता नही मिला है। वही सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष से न तो छात्रवृत्ति दी गई है औऱ न किसी प्रकार की स्टेशनरी का वितरण किया गया है। लॉकडाउन और कोरोना काल का फायदा उठते हुए सरकार ने गरीब छात्रों को मिलने वाला आवास भत्ता, छात्रवृत्ति और स्टेशनरी भी छीन ली है।
ज्ञात हो कि, कोरोना और लॉकडाउन के चलते जिले के गरीब आदिवासी परिवारों की हालत बद से बदतर हो गई है, ऐसा में जिले के आदिवासी छात्रों का आवास भत्ता, छात्रवृत्ति व स्टेशनरी को सरकार द्वारा न दिया जाना उनकी शिक्षा में गंभीर बाधा बन रहा रहे। बहुत से छात्र के माता-पिता कर्जा लेकर अथवा अपने गहने गिरवी रखकर शहर में पढ़ रहे अपने बच्चो को रूम किराया चुका रहे है जबकि सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरन भी किसी भी तरह की कोई राहत नही दी गई है। लॉकडाउन की वजह से ज्यादार छात्र रूम पर ताला लगाकर अपने-अपने घर चले गए, किंतु मकान मालिकों द्वारा इन महीनों का भी पूरा किराया वसूला गया, जिससे छात्रों पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।
सरकार द्वारा की जा रही लापरवाही व आदिवासी छात्रों पर शिक्षा के बढ़ते खर्च व आवास भत्ता, छात्रवृत्ति व स्टेशनरी न मिलने के खिलाफ आदिवासी छात्र संगठन ने मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। आदिवासी छात्र संगठन, जिला अलीराजपुर के जिलाध्यक्ष सालम सोलंकी ने बताया कि, जिले के आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति, आवास भत्ता, स्टेशनरी का वितरण न होने के कारण जिले के समस्त छात्र आदिवासी छात्र संगठन के नेतृत्व में आंदोलन करेंगे और सरकार से मांग करेंगे।