पुलिस को नही मिलते चोर, वाहन मालिक एजेंट के माध्यम से वापस लाते है वाहन, सब कुछ जानकर अनजान बनी पुलिस
माही की गूंज, रतलाम/जावरा।
जिले में शहर से लेकर गाँव तक में इन दिनों चोरों का गिरोह सक्रिय है। जबकि मुस्तैदी का दावा करने वाली पुलिस इन चोरों के गिरोह को पकड़ नहीं पा रही है। ताबड़तोड़ चोरी की इन घटनाओं से लोगों को अब डर सताने लगा है। लगातार हो रही घटना पुलिस की सक्रियता व रात के गस्त के बाद भी चोरी की घटनाओं पर अंकुश नही लग पा रहा है। आखिर चोर घटनाओं को आसानी से अंजाम देकर चोरों का गिरोह कैसे साफ बच निकल जाता है? चोरों का यह गिरोह इतना चालाक व शातिर है कि, घटनास्थल के आस -पास लगे रहने वाले सीसीटीवी कैमरों की रेंज में ही नहीं आता है।
दरसल, गुरुवार रात मावता निवासी प्रकाश पाटीदार की पिकप एमपी 44 जीए 0586 घर के सामने से चोरी हो गई। वाहन मालिक ने बताया कि, वह अपने घर के सामने वाहन खड़ा कर घर के अंदर सोए थे, सुबह जब उठे तो पिकप वहां नही थी। तलाश करने के बाद नही मिली तो मावता चौकी में शिकायत दर्ज कराई।
दो दिन पूर्व पिपलोदा से ट्राला भी हो चूका है चोरी
पिपलौदा से मंगलवार को बारह चक्कों वाले बडे ट्राले की सनसनीखेज चोरी हो गई थी। हालांकि पुलिस ने 12 घण्टों में ट्राले को ज़ब्त कर साथ ही पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कि थी। ट्राले को चुराकर चोर उसे राजस्थान ले गए थे। लेकिन ट्राले में लगे जीपीएस की मदद से ट्राले सहित चोर चौमेला में ही पकड़ लिए गए।
वहीं कुछ दिन पूर्व कालूखेड़ा से एक और एक मावता से मोटरसाइकिल चोरी हो गई थी। हालांकि कालूखेड़ा से जो मोटरसाइकिल चोरी हुई थी उसे कोई फ़िर से रख के चला गया, जबकि एक बाइक का अभी तक नही मिली।
पुलिस ने शांति समीक्षा बैठक में लोगों को सतर्क रहने को कहा था
कुछ दिन पूर्व मावता मे हुई शांति समीक्षा बैठक में पुलिस ने लोगों से कहा था कि, अपने घरों और वाहनों का ध्यान रखें व वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करे। उसके बाद भी लोग लाहपरवाही बरतते हुए अपने वाहन कही भी छोड़ देते, जिससे चोर आसानी से चोरी की वारदाद को अंजाम दे देते है।
विश्वनीय सूत्रों की माने तो राजस्थान के कुछ गिरोह सक्रिय है, जो रतलाम-मंदसौर जिले में लगातार चोरी की वारदात को अंजाम दे रहें है। यह चोर इतने शातिर होते है कि, चोरी की बड़ी-बड़ी वारदात को ऐसे अंजाम देते है कि, लोगों को पता भी नही लगता, बाद में चोर दो पहिया, चार पहिया वाहन अपने क्षेत्र मैं ले जाके रख देते है।
एजेंट के माध्यम से चोरी हुआ वाहन फिर मिल जाता है
यह लोग वाहन चोरी कर ले जाते है फिर इनके एजेंट ही अपने को सम्पर्क करते है कि, आपका वाहन में दिला तो दूंगा, लेक़िन उस व्यक्ति ने किसी को बेच दिया है अब उससे खरीद के आप को लेना पड़ेगा। उसके बाद डील फिक्स होती है उसमे एजेंट का भी कमीशन होता है और अपना वाहन खुद को ही वाहन की वेल्यूवेसन देख कर पैसे लेते है।
यह गिरोह इतना निडर बन गया कि, बड़ी से बड़ी वारदाद को दिन में अंजाम दे देते है, इनको पुलिस का भी ख़ौफ़ नही रहता है। इन गिरोह के बारे में पुलिस को भी पता रहता है लेक़िन पुलिस के हाथ यह चोर आसानी से पकड़ में नही आते है।
गिरोह की मदद गाँव का एक व्यकि भी करता है
इन गिरोह को गाँव का व्यकि भी गाइड करता है वह पूरी जानकारी देता है कि, कहा वाहन खड़ा है, कहा से रास्ता है और किस रास्ते से ले जाना है। किसी भी वारदाद को अंजाम देने से पहले यह रेकी करते है उसके बाद बडी से बड़ी चोरी की वारदातों को अंजाम देते है, वह व्यकि इन्हीं के लिए काम करता है। मावता चौकी प्रभारी ने बताया कि, सुबह पिकप चोरी का आवेदन आया, छानबीन कर रहे जल्द ही चोर गिरफ्त में होंगे।