Saturday, 27 ,July 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

क्रिकेट खेलने गए दो नाबालिकों की पानी में डूबने से मौत | खाद्य सुरक्षाअधिकारियों की टीम ने जांच के लिए लिया चॉकलेट का नमूना | 100 दिवसीय जागरूकता अभियान में महिलाओं व बालिकाओं को नए कानून की दी जानकारी | 20 माह बाद भी अपने पुनरुद्धार की बाट जोह रही है सड़क | जिला पत्रकार संघ की जिला कार्यकारिणी का हुआ स्नेह मिलन समारोह | पुलिस ने 8 घण्टे के भीतर किया महिला की निर्मम हत्या का खुलासा | शिप्रा नदी में हाथ-पैर और मुँह बंधी लाश मिली | पांच मोटरसाइकिल के साथ चोर गिरफ्तार | जन्मप्रमाण पत्र के अभाव में कई बच्चो का भविष्य अंधकार में | सुंदराबाद में होगा महिला एवं बाल हितेषी पंचायत का गठन | अणु पब्लिक स्कूल में अलंकरण समारोह की धूम | अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए तीन युवा | कृषि विभाग और पुलिस, सोयाबीन के वाहन को लेकर आमने-सामने | 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को लेकर किए पौधरोपण | एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पुलिस विभाग ने किया पौधरोपण | ठंड-गर्मी का मौसम निकला अब कीचड़ में बैठेंगे सब्जी विक्रेता, सड़क किनारे बैठकर दुर्घटना को दे रहे न्योता | धरती हमारी माँ है, पौध रोपण कर सभी करे इसकी सेवा- न्यायाधीश श्री दिवाकर | धरती आसमां को जयकारों से गुंजायमान करते हुए अणुवत्स श्री संयतमुनिजी ठाणा 4 का थांदला में हुआ भव्य मंगल प्रवेश | पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पकड़ा मोबाईल चोर | समरथमल मांडोत मंडी अध्यक्ष नियुक्त |

1 मार्च से छाएगी भगोरिया की रौनक, कलेक्टर व एसपी ने जनता से की अपील
28, Feb 2023 1 year ago

image


माही की गूंज, अलीराजपुर।

         भगोरिया का मेला दुनिया में प्रसिद्ध है। इसमें आदिवासी सभ्यता की झलक देखने को मिलती है। इस साल भगोरिया मेला 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। 

         जिले में भगोरिया हाट का उल्लास इस बार 1 मार्च से छाएगा। एक सप्ताह तक नगर, कस्बे से लेकर ग्राम में हाट बाजार के दिन भगोरिया मेले लगेंगे। इनमें हजारों की संख्या में लोग उमड़ेंगे। भगोरिया की शुरुआत इस बार चांदपुर, बरझर, बोरी और खट्टाली से होगी। समापन बखतगढ़ और आंबुआ के भगोरिया हाट से होगा। 

         बता दें कि परंपरागत रूप से होली के एक सप्ताह पूर्व से भगोरिया लोक उत्सव यहां आयोजित होता है। चाहे कोई कहीं भी हो, भगोरिया पर अपने गांव जरूर लौटता है। इस लोक उत्सव में अद्भुत और बेहद प्राचीन आदिवासी संस्कृति के विविध रूप देखने को मिलते हैं। आदिवासी समाजजन पारंपरिक वेशभूषा में लोक उत्सव में शामिल होते हैं। मांदल की थाप और बांसुरी की सुरीली तान आयोजन में चार चांद लगा देती है। समूह में थिरकते हुए जब टोलियां निकलती हैं तो हर कोई झूमने लगता है।

         शांतपूर्ण तरीके से भगोरिया संपन्न कराने को लेकर पुलिस और प्रशासन ने भी तैयारिया पुरी कर ली है।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |