माही की गूंज, अलीराजपुर।
भगोरिया का मेला दुनिया में प्रसिद्ध है। इसमें आदिवासी सभ्यता की झलक देखने को मिलती है। इस साल भगोरिया मेला 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित किया जाएगा।
जिले में भगोरिया हाट का उल्लास इस बार 1 मार्च से छाएगा। एक सप्ताह तक नगर, कस्बे से लेकर ग्राम में हाट बाजार के दिन भगोरिया मेले लगेंगे। इनमें हजारों की संख्या में लोग उमड़ेंगे। भगोरिया की शुरुआत इस बार चांदपुर, बरझर, बोरी और खट्टाली से होगी। समापन बखतगढ़ और आंबुआ के भगोरिया हाट से होगा।
बता दें कि परंपरागत रूप से होली के एक सप्ताह पूर्व से भगोरिया लोक उत्सव यहां आयोजित होता है। चाहे कोई कहीं भी हो, भगोरिया पर अपने गांव जरूर लौटता है। इस लोक उत्सव में अद्भुत और बेहद प्राचीन आदिवासी संस्कृति के विविध रूप देखने को मिलते हैं। आदिवासी समाजजन पारंपरिक वेशभूषा में लोक उत्सव में शामिल होते हैं। मांदल की थाप और बांसुरी की सुरीली तान आयोजन में चार चांद लगा देती है। समूह में थिरकते हुए जब टोलियां निकलती हैं तो हर कोई झूमने लगता है।
शांतपूर्ण तरीके से भगोरिया संपन्न कराने को लेकर पुलिस और प्रशासन ने भी तैयारिया पुरी कर ली है।