
माही की गूंज, भानपुरा।
क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक आस्था के केन्द्र दुधाखेडी माताजी मन्दिर क्षेत्र व दुधाखेडी पंचायत मे इस वर्ष नियमानुसार ग्राम पचायतं दुधाखेडी द्वारा चेत्र नवरात्रि मे मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 2 अप्रेल से 10 अप्रेल तक चलेगा। विगत दो वर्षो से कोविड-19 के कारण यह मेला आयोजित नही हो रहा था। 10 अप्रेल रामनवमी को माताजी मन्दिर परिसर मे हवन का आयोजन होगा। यह क्षेत्र का प्रसिद्ध चमत्कारीक स्थान है। हजारो श्रद्धालु प्रतिदिन यहा माताजी के दर्शन के लिए आते है।
यहां पर माता नवरात्रों में नौ रूपों में अपने भक्तों को दर्शन देती हैं तथा दुधाखेड़ी माता की मूर्ति में इतना तेज होता है कि, कोई भी उनकी आंखों में आंख नहीं डाल कर प्रतिमा नहीं देख सकता है। वहीं सैकड़ों की संख्या में यहां पर लकवा पीड़ित मरीज भी स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए आते हैं। मान्यता है कि, माता के आशीर्वाद से भक्तों का लकवा पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है।
मंदिर के इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण राजा मोरध्वज ने 13वीं शताब्दी में करवाया था, जिसके बाद इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। वहीं, झालावाड़ के संस्थापक झाला जालिम सिंह यहां पर पूजा-अर्चना के लिए आया करते थे।