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भूखा न रहे कोई अपना, साकार हो रहा सपना
माही की गूंज, शाजापुर
क्या बात कही है कहने वाले ने कि, भूख से बड़ा "मजहब "ओर रोटी से बड़ा "ईश्वर "कोई हो तो बता देना मुझे भी "धर्म" बदलना है। वर्तमान समय में इस मानव त्रासदी कोरोना महामारी में हम बात कर रहे है उस यूनियन संघ की जो अपने हक अधिकार के लिए पैरवी करने में पीछे नहीं हटता है, जिसे हम वकील कहते है। ये अभिभाषक हेल्प ग्रुप जो प्रतिदिन 100 से अधिक भोजन पैकेट वितरित करते है। शाजापुर अभिभाषक संघ द्वारा एक माह से अधिक समय से नि:शुल्क भोजन वितरण का कार्य किया जा रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर शासकीय जिला अस्पताल शाजापुर ट्रॉमा सेंटर में शाजापुर अभिभाषक संघ के वकीलों द्वारा रोजाना भोजन के 100 पैकेट से अधिक वितरित किए जा रहे है । जिससे मरीजों एवं उनके साथ आने वाले परिजनों को नि:शुल्क भोजन वितरण किया जा रहा हैं। उक्त ग्रुप जो कि अभिभाषक संघ शाजापुर के नाम से है जिस का संचालन अभिभाषक एजाजुद्दीन मेव द्वारा किया जा रहा है।
श्री मेव ने वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए कहा कि, "जिन्दगी है कि गुज़रती जा रही है और इंसान है कि जीने का समान जुटा रहा है।" लेकिन आज दो चीजों की आवश्यकता बहुत जरुरी है पहला की उपचार इलाज दूसरा भोजन रोटी समय पर मिल जाए तो इस कोरोना कर्फ्यू (लॉकडाउन) में जिया जा सकता है, शाजापुर में भोजन ओर उपचार दोनों अब समय पर मिल रहा है उक्त ग्रुप में अभिभाषकों के साथ अन्य समाजसेवीयो द्वारा भी योगदान दिया जा रहा है। मानव सेवा रूपी कार्य जिसका एक मात्र उद्देश्य "भूखा न रहे कोई अपना, साकार हो रहा सपना" की तर्ज़ पर निरंतर जारी है। उक्त मानव सेवा कार्य में अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अनिल आचार्य, संजय पटोंदा, आशुतोष श्रीवास्तव लाला सहित सभी अभिभाषकगण प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सेवाएं दे रहे है।