स्कूल, चिकित्सा, सड़क मार्ग आदि की राह आज भी देख रहे ग्रामीणजन
माही की गूंज, खरगोन
भीकनगांव तेहसील की ग्राम पंचायत का ग्राम बढीया का सहेजला मुख्य मार्ग, खरगोन सनावद राजमार्ग से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण पीडबल्यूडी ने किया था जो अधूरा पड़ा है, गांव से नाले तक का 300 मीटर रोड बरसात में बह गया, नाले पर पुल का निर्माण भी नहीं हुआ है। उसके बाद आगे जाकर 500 मीटर का कच्चा मार्ग है, जिसका मुद्दा पिछले 35 से 40 साल से लटका हुआ है, इस मार्ग से दोपहिया वाहन तो सुखलाल धनगर की निजी जमीन से निकल जाते है लेकिन चार पहिया वाहन 1 किलोमीटर घूम कर कच्चे रास्ते से निकलते है। गांव चारो तरफ से नालो से घिरा हुआ है, बरसात में गांव के चारो तरफ पानी भर जाता है जिसकी वजह से गांव का संपर्क शहरो व अन्य गाँवों से टूट जाता है। ग्रामीणों ने अपने गांव की समस्या को प्रशासन तक पंहुचाने के लिए कलेक्टर को भी ज्ञापन दिया था लेकिन उसका निराकरण आज भी नहीं हुआ।
गांव की मुख्य आबादी कृषि कार्य करती है और अपनी फसलों को मंडी में ले जाने के लिए इसी मार्ग से गुजरना पड़ता है जिससे आए दिन ट्राली पलट जाती है या धस जाती है।
पिछले साल मनोज यादव को करंट लगने के बाद 3 घंटे बेहोशी की हालत में गांव में रखना पड़ा था क्योकि ज्यादा बारिश की वजह से गांव के चारो तरफ पानी भर गया था और शहर में अस्पताल तक जाने का कोई रास्ता नहीं था, तब गांव वालो की मदद से 9 किलोमीटर दूर चौंडी गांव से घूमकर खरगोन हॉस्पिटल पहुंचे थे, अभी हाल ही में एक कोरोना मरीज को लेने आई एम्बुलेंस भी मरीज को लिए बिना ही मछलगांव से लौट गई थी और मरीज को 3 दिन बाद ले जया गया। इस मुख्य मार्ग के अलावा भी 4 अन्य मार्ग है वो भी पानी और कीचड़ से भरे रहते है, वहीं स्कूल के छात्रों को भी इसी मार्ग से पैदल जाना पड़ता है। गांव की बदहाली के चलते यहाँ कोई सरकारी या प्राइवेट स्कूल भी नहीं है।