माही की गूंज, खंडवा।
निमाड़ लोक कला एवं संस्कृति केंद्र खंडवा द्वारा निमाड़ की लोक कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु अनेक आयोजन किए जा रहे हैं। निमाड़ की एक प्रसिद्ध लोक गायक शैली कलगी तुर्रा है, इसमें दो दल होते हैं एक को कलगी एवं दूसरे को तुर्रा कहा जाता है। दोनों दलों में 6 से 7 कलाकार होते हैं, जिसमें से एक आशु लेखक भी होता है, दोनों के मध्य बहुत ही रोचक मुकाबला होता है ।कलगी तुर्रा निमाड़ के चार जिलों में लोकप्रिय है। इस शैली के प्रसिद्ध गायक जो विगत 40 वर्षों से कलगी गा रहे हैं श्री यशवंत कुशवाहा मगरिया है, उनके सामने होंगे श्री यशवंत यादव रामपूरा के वे भी विगत 30 वर्षों से तुर्रा गा रहे हैं। निमाड़ी लोक रंजन कलगी तुर्रा का आयोजन 27 तारीख को रात्रि 8:00 बजे ग्राम मगरिया के गणेश मंदिर प्रांगण में किया जाएगा। आयोजन मुख्य अतिथि डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण जोशी, विशेष अतिथि प्रति कुलपति डॉ. शहजाद कुरैशी एवं ग्राम पंचायत मगरिया के सरपंच सुमेर सिंह सोलंकी के साथ विशेष रूप से कवि, श्रेष्ठ निमाड़ी उद्घोषक एवं कलगी तुर्रा संघ के अध्यक्ष ताराचंद यादव कसरावद भी उपस्थित रहेंगे जो इस आयोजन में संचालन भी करेंगे।