शहीद मेला भी बंद हुआ ग्रामीणों में शासन के प्रति आक्रोश
माही की गूंज, खरगोन।
मध्य प्रदेश में विगत 18 वर्षों से राष्ट्रवाद एवं हिंदुत्व के प्रति समर्पित भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इस दौरान क्षेत्र में राज्य स्तरीय जनप्रतिनिधियों का निरंतर आगमन होता रहा है। एवं यहां के एकमात्र भारत माता मंदिर में राज्य स्तरीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर इसके विकास के लिए कोरे आश्वासन जन समुदाय को दिए हैं। परंतु 18 वर्षों में भारत माता मंदिर का ना तो सौंदरीकरण हुआ नहीं शहीद मेला आयोजन के प्रति शासन का सकारात्मक रवैया नही रहा।
उल्लेखनीय है कि बड़वाह विकासखंड एवं खंडवा लोकसभा क्षेत्र के ग्राम बांगरदा में विगत 1969 से स्थापित मध्यप्रदेश का एकमात्र सर्व धर्म समभाव का प्रतीक भारत माता मंदिर है। इस मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष अमर शहीदों की स्मृति में प्रतिवर्ष 30 जनवरी शहीद दिवस से 15 फरवरी तक भारतीय संस्कृति का प्रतीक के शहीद मेला आयोजित होता है। इस शहीद मेले में महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात से व्यापारी आते हैं एवं व्यापार के साथ क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी प्रदान करते हैं। परंतु विगत 18 वर्षों की निरंतर उपेक्षा के कारण शहीद मेला आयोजन पूर्णता बंद कर दिया गया है। जिसके कारण शहीद मेला प्रांगण की गोचर भूमि पर अवैध अतिक्रमण पैर पसारता जा रहा है।
इस संबंध में सरपंच श्रीमती उर्मिला महेश मालाकार ने बताया कि, ग्राम पंचायत बांगरदा के पूर्व सरपंचों द्वारा शहीद मेला आयोजन में शासन की भागीदारी हेतु निरंतर प्रयास किए हैं। हमारी पंचायत द्वारा भी शहीद मेला आयोजन एवं भारत माता मंदिर प्रांगण के सौंदर्य करण एवं विकास हेतु प्रयास किया जा रहे हैं। क्षेत्र के विधायक सचिन बिरला द्वारा भी तीन-चार वर्षो से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रभारी मंत्री कमल पटेल एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर को पत्र लिखे गए हैं। परंतु भारत माता मंदिर की स्थिति यथावत है। एवं शहीद मेला आयोजन भी नहीं हो रहा है। भारत माता मंदिर प्रांगण में जनपद पंचायत बड़वाह द्वारा शहीद मेला आयोजन किया जाता था। परंतु जनपद पंचायत द्वारा आयोजन हेतु वित्तीय व्यवस्था नहीं होने का हवाला देकर मांग को दरकिनार कर दिया। आपने बताया कि विगत 31 जनवरी 1979 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा द्वारा भारतमाता मंदिर प्रांगण में शहीद स्मारक भवन की आधारशिला रखी गई थी। इसके बाद 21 फरवरी 1999 को तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा भारत माता मंदिर में श्रद्धा सुमन अर्पित कर भव्य मंदिर बनाने की एवं क्षेत्र में सौंदर्यकरण करने की घोषणा मंच से की थी। वीरेंद्र कुमार सकलेचा द्वारा स्थापित आधारशिला उनके आगमन की यादगार बनकर रह गई है। दिग्विजय सिंह की घोषणा के परिपालन में जिला प्रशासन के निर्देश पर ग्रामीण यांत्रिकी विभाग खरगोन द्वारा 11 लाख रुपए का प्राक्कलन 20 वर्ष पूर्व बनाया जाकर तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा था मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मात्र एक लाख रुपए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान कोस से स्वीकृत कर शेष 10 लाख रुपए जिला स्तरीय योजना से स्वीकृत करने के निर्देश तत्कालीन जिला कलेक्टर अनिरुद्ध मुखर्जी को दिए थे। परंतु खरगोन जिलाधीस द्वारा नीतिगत नियमों का हवाला देकर राशि स्वीकृत नहीं की। अंततः भारत माता मंदिर निर्माण की घोषणा मात्र कागजी फाइल बन कर रह गई।
सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर फुलकर ने इस प्रतिनिधि को बताया कि दलगत विचारों से हटकर देखा जाए तो राष्ट्रीय स्मारक के रूप में स्थापित ग्रामीणों की राष्ट्रीय भावना परिपूर्ण स्थापित भारत माता मंदिर का विकास नहीं होना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। मध्य प्रदेश सरकार के सभी जनप्रतिनिधि भारत माता की जय के साथ अपने राजनीतिक कार्यक्रमों की शुरुआत करते हैं। इसके बाद भी भारत माता मंदिर के प्रति अपेक्षित रवैया अपनाना कहां तक उचित है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा महेश्वर में निमाड़ उत्सव, हनुमंतिया टापू पर जल महोत्सव एवं मलगांव मेले पर लाखों रुपया पानी की तरह बहा दिया जाता है। परंतु शहीदों की स्मृति को समर्पित शहीद मेला आयोजन पर शासन द्वारा एवं संस्कृति विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता। साथ ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अपने 18 वर्षीय कार्यकाल में उज्जैन में महाकाल लोक, खरगोन में नवग्रह मंदिर के सौंदरीकरण, सिरवेल महादेव मंदिर के सौदर्यीकरण एवम विकास हेतु करोड़ों की स्वीकृति की जा रही है। परंतु शासन की सूची में बड़वाह विकासखंड के भारत माता मंदिर के विकास के हेतु किसी प्रकार की योजना नहीं है। ग्राम बांगरदा में स्थापित भारत माता मंदिर प्रांगण के सौंदरीकरण एवं विकास हेतु नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनएचडीसी) द्वारा भी प्रस्ताव बनाया गया था। परंतु वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल सकी। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव( मध्य प्रदेश शासन भोपाल) से पुरजोर मांग की है। कि विकसित भारत यात्रा के तहत विकास कार्यों की आधारशिला के साथ भारत माता मंदिर के सौंदरीकरण, शहीद मेला आयोजन एवं भारत माता मंदिर प्रांगण में शहीद स्मारक भवन की स्वीकृति कर इसकी आधारशिला रखी जाए। साथ ही प्रतिवर्ष सहित मेला आयोजन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी जाए। एवं सहित मेले का आयोजन जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग के सहयोग से किया जाए।
क्षेत्रीय विधायक सचिन बिरला ने बताया कि, विधानसभा क्षेत्र बड़वाह के एकमात्र भारत माता मंदिर एवं अन्य पुरातत्व मंदिरों के जिलाेद्धार एवं विकास हेतु मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन को पत्र द्वारा अवगत कराया गया है एवं शीघ्र ही शासन द्वारा ग्रामीणों के मंशा के अनुसार विकास कार्यों की स्वीकृति की जाएगी।