माही की गूंज, खरगोन।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन महाराज विक्रमादित्य शोध पीठ पुणे श्री फाउंडेशन उज्जैन व आचार्य वराह मिहिर न्यास डूंगला प्रकल्प ने उज्जैन में दो दिनी अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महाअधिवेशन रखा। 16 व 17 दिसंबर को हुए इस अधिवेशन में देश-विदेश के 200 ज्योतिष शास्त्र के विद्वान शामिल हुए। विद्वानों ने विक्रम संवत, पंचांग और ज्योतिष, वास्तु, हस्तरेखा, रैकी, टैरो, रमन जैसे विषयों पर विचार विमर्श किया। खरगोन से ज्योतिषाचार्य डॉक्टर बसंत सोनी भी सम्मिलित हुए। उन्हें वाराह मिहिर सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि अधिवेशन में पंचांग में तिथि का मतभेद दूर करने की बात रखी। विद्वानों ने ज्योतिष विद्या में आ रही अवरोधों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय पंचांग हो। इसके लिए शीघ्र आगामी दिनों में एक बैठक आयोजित होगी। अधिवेशन के अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति उज्जवल खरे, श्रीराम तिवारी निर्देशक विक्रम विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन थे।
कुंडली मिलान में शुक्र ग्रह को प्राथमिकता दें
डॉक्टर सोनी ने अधिवेशन में कुंडली मिलान में शुक्र ग्रह को प्राथमिकता देने की बात रखी। उन्होंने बताया सामाजिक परिवेश में ज्यादातर तलाक के मामले देखे जा रहे हैं। रिसर्च में यह भी पता चला है कि कुंडली में शुक्र ग्रह का मिलान नहीं हो रहा है। इस वजह से तलाक के मामले बढ़ रहे है। ज्योतिषियों ने रिसर्च की सराहना की।