माही की गूंज, खरगोन/बमनाला
स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर बमनाला में तीन दिवसीय वार्षिक स्नेह सम्मेलन का प्रारम्भ शारीरिक प्रकटोत्सव एवं अभिभावक सम्मेलन के साथ प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम का आरम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं देव पूजन के द्वारा हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक जी धर्मेन्द्र गहलोत, विशेष अतिथि कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में सत्यनारायण लौवंशी उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त श्रीराम शिक्षा समिति की अध्यक्ष श्रीमती ममता सवनेर, सरस्वती शिशु विधा मीर के पुर्व अध्यक्ष भगवान सिंह गिनारे और चित्रकूट धाम के संत भारती भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
समिति के अतिथियों का परिचय इन्द्रपालसिंह गिनारे द्वारा कराया गया। मंचासीन अतिथियों का समिति के केदार सोहनी ने श्रीफल बस्त्राद तिलक लगाकर भारतीय पद्धति से स्वागत किया। इस दौरान बहन महक जोशी और सायना खान, ने स्वागत गीत गाया।
अतिथियों के उदबोधन के पूर्व संस्था के प्राचार्य सुबोध परचुरे ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। व्यक्तिगत गीत कु. मीनू यादव ने एवं अमृतवचन भैय्या मनीष यादव ने पढ़ा।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सत्यनारायण लौवंशी ने बताया कि, स.शि.मं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने वाले पहले विद्यालय है। पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव का मुख्य कारण पाश्चात्य शिक्षा है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से ही परिवार टूटते जा रहे है। जबकि शिशु मंदिर का परिवारो को संरक्षण देने का कार्य कर रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक धर्मेन्द्र ने बताया कि, वे भी सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र रहे हैं और इसीलिए विद्याभारती की योजना से भली भांति परिचित है। विद्या भारती की शिक्षा दीक्षा राष्ट्र को एकात्म बनाने के लिये उपयोगी है। विघटनकारी शक्तियों को असफल करने में विद्याभारती की शिक्षा बहुत कारगर है।
उध्दबोधन के पश्चात् शारीरिक प्रकटीकरण के कार्यक्रमो का सुन्दर प्रस्तुतिकरण हुआ। जिसमें नन्हें मुन्ने भैया बहनो के द्वारा व्यायाम योग, योगासन, मुष्ठीका योग, दण्ड योग, दण्ड प्रहार, लेजिम व भैय्याओं द्वारा रोप का प्रदर्शन भी आकर्षण केंद्र रहा। बहनो का पिरामिड और बहनों के द्वारा घोष का वादन विशेष आकर्षण का केन्द्र बना। इस अवसर पर अभिभावको के अवलोकन के लिये शिशुवाटिका की प्रदर्शनी का आयोजन भी रखा गया था।
कार्यक्रम का संचालन बहन रानी वर्मा और बहन दीपाली यादव द्वारा किया गया। आभार धर्मेंद्र सिंह तंवर ने माना।