Friday, 25 ,April 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

कड़ी निंदा नहीं, कठोर कार्रवाई की आवश्यकता | 101 किलोमीटर रतलाम-झाबुआ रोड को बनाने की कवायद शुरू | नवीन बेरागी की जादुगरीः कृषि भूमि पर बिना अनुमति काट चुका है कालोनी, निर्माण कार्य भी शुरू | लापता 6 बच्चे देर रात्रि में पुलिस को सह कुशल मिले | भाजपा को गालियां देने व जूते मारने वाले को ही भाजपा सरकार का संरक्षण | ईट से भरी ट्राली पलटी, बड़ी दुर्घटना टली | प्रभु येशु के अनूठे प्रेम को शिष्यों के पैर धोकर सेवा का संकल्प लिया | केबिनेट मंत्री भूरिया के विधानसभा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के बड़े मामले उजागर | भ्रष्टाचारियों व अपराधियों का गढ़ बनता जिला... | भगवान भाव का भूखा, हम सिर्फ पत्थर समझ कर पूज रहे है- पंडित मनीष भैया | कछुआ गति से चल रहा कार्य, 2 साल बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिला जल जीवन मिशन योजना का लाभ | अभिभाषक अविनाश उपाध्याय बने अभिभाषक संघ के अध्यक्ष | कलेक्टर करती है नगर में लगे कैमरों से निगरानी, कौन क्या करता है सब पता है...? | पत्रकारों का आक्रोश, अम्बेडकर गार्डन में देंगे धरना | समाज में जीने के लिए परिवार का अपनाना आवश्यक | अज्ञात संक्रमण से बालक की मौतः जिम्मेदार मौन | तीन दिवसीय मायरा कथा का हुआ भव्य समापन, श्री राधिका के भजनों पर झूमे श्रोता | कमीशन का खेल, भ्रष्टाचार की रेलमपेल... कैसे स्कूल चले हम...? | ग्राम/नगर रक्षा समिति सम्मेलन का हुआ आयोजन | जन चेतना शिविर – एसपी ने दी जागरूकता |

सब जेल कसरावद में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर
10, Dec 2022 2 years ago

image

माही की गूंज, खरगोन।

          म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा डीके नागले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मण्डलेश्वर के मार्गदर्शन एवं अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति विवेक जैन साहब की अध्यक्षता में आज मानव अधिकार दिवस के अवसर पर सब जेल कसरावद में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। 

      कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पैरा लीगल वालंटिय आकील खान ने बताया कि, मानव अधिकार का तात्पर्य व्यक्ति के उन अधिकारों से हैं जो अवसर की समानता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्ति की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। व्यक्ति के इन मूल अधिकारों को मानव अधिकार कहते हैं। साथ ही बंदियों को जानकारी देते हुए बताया कि, बंदी होने के दौरान भी उनके मानव अधिकार सामान्य नागरिकों के समान सुरक्षित है। केवल स्वतंत्र भ्रमण को छोडकर बंदियों को चिकित्सा का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, निःशुल्क विधिक सहायता का अधिकार प्राप्त है। साथ ही बंदियों से उनकी समस्या जानी एवं उन्हे विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं से अवगत कराया। 

सहायक जेल अधीक्षक धर्मवीर सिंह उमरिया ने बताया कि, यदि कोई बंदी आर्थिक आभाव के कारण अपना प्रकरण चलाने के लिये अधिवक्ता करने में सक्षम नहीं है तो उसे प्राधिकरण की निःशुल्क सहायता एवं सलाह योजना अंतर्गत निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है। इस हेतु विचाराधीन बंदी जेल अधीक्षक/जेलर को आवेदन देकर या न्यायालय में पेशी के दौरान आवेदन प्रस्तुत कर विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है।

        शिविर में पैरालीगल वालेंटियर देवदत्त एक्कल, अथर्व व्यास, प्रहरी दीपक विडारे, योगेश चौहान व जेल कर्मचारीग एवं बंदी उपस्थित रहे।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |