माही की गूंज, खरगोन/बमनाला।
सावन माह की पूर्णिमा से लेकर भादों की पुणिमा तक सवा लाख पार्थिव शिव काली मिट्टी में सभी पवित्र नदियों का जल, शुध्द गाय का घी, गोमूत्र, कुवारी गाय का गोबर, नर्मदा कि रेत, बिलपत्र के पेड़ के नीचे की मिट्टी आदि को मिला कर एक इंच के शिव लिंग बन रहे है। सभी महीलाओं ने निराहार रहकर शिव लिंग बना रही हे लेकिन स्वस्थ को देखते हुए फलाहार भी कर रही है। सुबह 8 बजे से 12 बजे तक निर्माण होता है। प्रत्येक शिव लिंग पर चंदन ओर चावल लगाया जाता उसके बाद अभिषेक पूजन आरती होती है। शाम को विषर्जन प्रतिदिन हो रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए आरती कानूनगो व अनिता तारे ने बताया कि, अभी तक 40 हजार शिव लिंग बन गए हैं। बाकि पार्थिव शिव लिंग का निर्माण किया जा रहा है।
संगीता सोहनी ने बताया कि, सावन के पावन महीने में पार्थिव शिव लिंग बनाने का बहुत महत्व है। बमनाला में नर्मदा मंदिर के पास श्याम जोशी के घर पर महिलाओ द्वारा मिट्टी के शिव लिंग तैयार कर अभिषेक पूजन प.भय्यु सोहनी के द्वारा प्रतिदिन करवा जा रहा है व शाम को नदी में उनका विसर्जन भी हो रहा रहा है। महिला मंडल द्वारा पार्थिव शिव लिंग की बेंड-बाजो के साथ सोभा यात्रा भी निकाली गई। उनका लक्ष्य सवा लाख शिव लिंग का निर्माण कर भोले शंकर से महामारी दूर करने की प्रार्थना करना है। जिसमे विशेष सहयोग श्रीमती संगीता जोशी, वीणा तंवर, आरती कानूनगो, श्रीमती अनिता तारे, श्रीमती ज्योति जोशी, श्रीमती कृतिका, श्रीमती अनिता सोहनी, श्रीमती रत्ना तारे, श्रीमती कविता राठौड़, श्रीमती करुणा तंवर, श्रीमती तरुणा मंडलोई आदि द्वारा इस सवाल लाख पार्थिव शिव लिंग निर्माण में सहयोग किया जा रहा है।