Sunday, 07 ,September 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

500-1000 की लालच में चपरासी रिश्वतखोर बैंक मैनेजर के साथ रिश्वत लेते धराएं | खुले में ब्रिज पर बच्चे का जन्म, एएनएम ने आकर काटी नाल | वाहन चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन मोटरसाइ‌किलें जप्त | रिश्वत लेते रोजगार सहायक रंगे हाथ हुआ गिरफ्तार | मंत्री निर्मला भूरिया की विधानसभा में नही हुआ कन्यादान राशि का भुगतान | 13 वर्ष से निरन्तर आज भी बड़ी अंबाजी पदयात्रा | गणेश चतुर्थी की तैयारी में लगे सत्रह वर्षीय युवक का ह्रदय गति रुकने से निधन | फर्जी चिकित्सको के खिलाफ हुई कार्रवाई, बने प्रकरण | विद्यार्थियों को 144 साइकिलों का किया वितरण | ट्रेन की चपेट में आए युवक की दर्दनाक मौत | रामदेवरा तीर्थ यात्रा कर लोट पदयात्री | अधूरे छात्रावास निर्माण कार्य और भ्रष्टाचार की मुंह जुबानी | कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया | आदिवासी दिवस पर खेल मैदान में लोक नृत्य एवं गायक कलाकारों ने समा बांधा | बिना परमिशन के पीडब्ल्यूडी रोड में की खुदाई | आखिर शिक्षा व्यवस्था की जड़े कमजोर की जिम्मेदारी किसकी... | मतदाता सूची पुनरीक्षण पर इतना बवाल...! आयोग जवाब दे... | एनआरबी ट्रांसपोर्ट पर माल गुम नहीं होता कर दिया जाता है...! | राजस्थान की घटना के बाद सक्रिय हुए ग्रामीण, जर्जर स्कूल भवन को लेकर दर्ज करवाई शिकायत | गौ सेवा सर्वोत्तम और परोपकार से बढ़कर कोई पुण्य नहीं होता है- शास्त्री जी |

आचार्य दयासागर का निधन
30, Dec 2024 8 months ago

image

माही की गूंज, थांदला। 

          महर्षि दयानंद सेवाश्रम में पिछले 25 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे आचार्य दयासागर का आज सोमवार सुबह निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलते ही पूरे नगर में शोक की लहर छा गई।आचार्य दयासागर मूल रूप से झारखंड के निवासी थे। 54 वर्ष के आचार्य पूरी तरह से ऊर्जा से भरे हुए और सकारात्मक विचारधारा के थे। आचार्य ने महर्षि दयानंद सेवा आश्रम की नवीन संस्थान की बुनियाद रखी। इस नवीन संस्थान में अब हजारों बच्चों का भविष्य गढ़ा जाएगा। आचार्य दयासागर ने पूरे जिले में आर्य समाज की आधारशिला को मजबूत किया है। समय-समय पर सामाजिक कार्यक्रम चलाकर समाज को कूव्यसनों से दूर रखकर जीवन जीने की सही कला बतलाई। आचार्य दयासागर का छोटे बच्चों के प्रति विशेष ध्यान था। वह जितने अनुशासन को लेकर सजग थे। उतने ही विद्यार्थियों और आश्रम की समस्याओं को लेकर संवेदनशील भी थे।महर्षि दयानंद सेवाश्रम के नवीन शैक्षणिक भवन की आधारशिला आचार्य ने रखी। नवीन भवन में होने वाली शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर उनमें काफी उत्साह था। भवन के बनने के बाद भले ही शरीर तत्व में आचार्य अपने विद्यार्थियों, सहयोगियों के साथ नहीं है। लेकिन आत्मिक रूप से आचार्य की विचारधारा, उनका अनुशासन, प्रेम निश्चित ही भवन की एक-एक ईंट में रच-बस गया है। आचार्य की अंतिम यात्रा सोमवार दोपहर 2 बजे महर्षि दयानंद सेवा श्रम से नगर के विभिन्न मार्गो में दर्शनार्थ लाई गई। जिसके बाद आचार्य का अंतिम संस्कार महर्षि दयानंद से आश्रम में आर्य समाज के संस्कारों के साथ किया गया।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |