माही की गूंज, खरगोन।
जिले के ग्राम बमनाला में संजा माता का पर्व बालिकाओं व अखिल निमाड़ लोक परिषद की महिला मंडल द्वारा बड़े हर्ष उल्लास से मनाया गया। प्रचार सचिव श्रीमती संगीता सोहनी ने जानकारी दी कि, संजा माता मालवा, निमाड़ व राजस्थान में कुंवारी कन्या का मुख्य त्यौहार है। इन्हे संजा, सांजी या संध्या के नाम से पुकारा जाता है। संजा माता को मां पार्वती के स्वरूप में पूजा जाता है। पार्वती जी पितृ लोक की कन्या होने के कारण इन्हें पितृ पक्ष बेटी के रूप अपने-अपने घर में पूजा जाता है। भाद्र मास की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या तक 16 दिन तक मनाते हे। जिसमे गाय के गोबर से दीवार को लिपते है व गाय के गोबर से 16 आकृतिया बनाकर रंगीन फूल व पत्तियों से सजाया जाता है। जिसमे गणेश जी, तुलसी क्यारा, अष्टकमलदल, केले का पेड़, चांद, सूरज, बेल गाड़ी, रसोई बर्तन, हाटबाजार, आरती, दूध-दही वाली, कंडे वाली, झूला, डोली, संजा सखीया, कैची और अंत में कोट किला बनाते है व रोज शाम के समय आरती करने के बाद लडकिया निमाड़ी बोली में संजा गीत गाती हैं। "नानी सी गाड़ी रुलकती जाय ओ में बठी संजा बईण", "काजल टिकी लेव भाई काजल टिकी लेव काजल टिकी लाई न म्हारी संजा बईण क देव", "संजा बईण का लाडा जी लुगड़ा लाया जाड़ा जी", "संजा तो मांग हरो हरो गोबर का सी लाऊ भाई हरो हरो गोबर" ऐसे अनेक गीत निमाड़ी बोली में गाती व संजा के लिए रोज नए पकवान बना कर जिमाती है। अमावस्या के दिन सभी सखिया मिल नदी या तालाब पर संजा की बिदाई के लिए जाती है। "म्हारी संजा सासर जाय सासर जाय, खीर पूरी खाती जाय खाती जाय" इस प्रकार संजा माता पर्व धूम धाम से मनाया जाता है। यह पारम्परिक लोक पर्व लुप्त हो रहा है, इसलिए अखिल निमाड लोक परिषद महिला मंडल ने आने वाली पीढ़ी को जाग्रत करने का संकल्प लिया व छोटी-छोटी लडकियो को संजा बनाना व गीत भी सिखाए। जिन लड़कियों ने संजा बनाई उन्हे प्रमाण पत्र व उपहार भी भेंट स्वरूप दिए जायेगे। शिवानी जोशी, माही सेन माही तवर ने बहुत सुंदर संजा बनाई, जिसमे इकाई संयोजिका संगीता जोशी, सांस्कृतिक सचिव आरती कानूनगो, सह सचिव कविता राठौड़, मार्गदर्शिका कृष्णा गावशिंदे, निर्मला सोहनी, ज्योति जोशी, रत्ना तारे, अनीता तारे, संतोष बडोले, पूर्णिमा पाराशर, ज्योति सोहनी, रानू अग्रवाल, पिंकी अग्रवाल, प्रगति डोंगरे, संगीता डोंगरे, नितिशा जोशी, अनिता सोहनी, ममता सवनेर, पूजा शर्मा, उषा तारे आदि उपस्थित थे।