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कछुआ गति से चल रहा कार्य ग्रामीणों को कब मिलेगा शुद्ध जल
27, Apr 2025 3 weeks ago

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जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण 3 साल में भी पाइप लाइन नहीं हो पाई पूरी

माही की गुंज, सागवा/ख़वासा

     जल जीवन जल मिशन के तहत थांदला ब्लॉक के ग्राम पंचायत सागवा में 3 साल से कार्य प्रगति पर है। लेकिन ग्रामीणों को पानी ही नसीब नहीं हो पा रहा है। बताते हैं निर्माण एजेंसी पीएचई सब डिवीजन थांदला है, तथा कार्य देसाई कंस्ट्रक्शन कंपनी सूरत को दिया गया है, लेकिन कार्य कंपनी ने इतना धीमी गति से किया की निम्न में घटिया स्तर का कार्य करके ही इति श्री कर दी तथा अभी वर्तमान में कुएं से टंकी के समीप तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य चल रहा है, लेकिन उसमें भी जो इसटीमेन्ट के अनुसार खुदाई होनी चाहिए वह खुदाई नहीं हो पा रही है। जबकि नियम के हिसाब से 1 मीटर तक खुदाई होनी चाहिए लेकिन जहां खुदाई हो सकती है वहां भी ठेकेदार के कर्मचारी जमीन के ऊपर ही पाइप लगा रहे हैं, जिससे थोड़े दिन बाद पाइपलाइन लीकेज व डैमेज होने की संभावना बनी रहेगी, साथ ही जहां पथरीली जमीन है वहां ब्रेकर से भी ठेकेदार ने खुदाई नहीं करी और पाइप ऊपर ही बिछा दिए गए हैं। सागवा के ग्रामीण मदन पाटीदार, संदीप पाटीदार, रोहित चौहान, अनिल भाभर, जीवन भूरिया आदि ने बताया कि, तीन साल से कार्य प्रगति पर है। लेकिन व्यवस्थित कार्य नहीं हो पा रहा है, कार्य भी जब से शुरू किया गया है, तब से निम्न व घटिया किस्म का कार्य किया गया वही टंकी का कलर तक खत्म हो गया लेकिन ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया जिसके कारण यहां पर टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई तो वहीं चारों फलिये धनपुरा झरिया पाड़ा बड़ी झरिया में पाइपलाइन बिछाने में ठेकेदार अनियमिता बरत रहा है, जिस और देखने वाला कोई नहीं है, अगर यहां हमारी सुनवाई नहीं होती है, तो हम इसकी शिकायत कलेक्टर तक करेंगे अगर सरकार सरकारी योजना के माध्यम से ग्रामीणों को लाभ देना चाहती है, तो उस योजना को क्रियावेन भी सही होना चाहिए यहां ठेकेदार तो आता ही नहीं हैं, सिर्फ सब इंजीनियर कंपनी की तरफ से है, वह भी झाबुआ से अप डाउन करते हैं, और जो कर्मचारी ठेकेदार के जेसीबी से कार्य करते हैं, वह खुदाई भी सही नहीं कर पा रहे हैं, वहीं जहां कुएं से लेकर टंकी तक पाइपलाइन बिछाई जा रही है। वहां कई किसानो की खेत में अपने खेतों में सिंचाई करने के लिए पाइपलाइन बिछा रखी है। उनको भी डैमेज किया जा रहा है, किसान ठेकेदार के इंजीनियर को कहते हैं तो कहता है कि हम नहीं सुधारेंगे आपको जहां शिकायत करनी हो कर दो ठेकेदार का इंजीनियर व कर्मचारी इस तरह से ग्रामीणों की दबाते हैं। ग्रामीण अंचलों में किस तरह से कार्य किया जा रहा है, इसका खुलासा माही की गूंज लगातार कर रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की आंख कान बंद कर भ्रष्टाचार की गंगा में ऐसी डुबकी लगा रहे हैं, कि कोई देखने वाला ही नहीं है। तो वही ठेकेदार को पनाह विभागिय अधिकारी कमीशन लेकर कार्रवाई करने से बच रहे हैं, जबकि इस तरह से कोई भी फर्म या ठेकेदार निम्न घटिया स्तर का व कछुवा गति से कार्य करता है, तो उसको ब्लैक लिस्ट करने का अधिकार भी सरकार ने निर्माण एजेंसी को दे रखा है। लेकिन किसी भी ठेकेदारी पर आज दिन तक कोई भी पेनल्टी अधिकारियों द्वारा नहीं लगाई गई ना ही किसी कंपनी को अभी तक ब्लैक लिस्ट किया गया जबकि ग्रामीण अंचलों में कइ जगह ग्रामीणों को पानी ही नसीब नहीं हो रहा है, व कई जगह पानी की टंकियां जल जीवन जल मिशन में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, सागवा के ग्रामीणों का कहना है कि, सागवा में जो भी कार्य हुआ उसकी जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई के साथ ही ठेकेदार पर कार्रवाई होनी चाहिए। पीएचई विभाग के जिम्मेदार साहब देखने तक नहीं आते हैं, ग्रामीणों का कहना है, मामले में देसाई कंस्ट्रक्शन के सब इंजीनियर अफताप आलम से माही की गूंज ने चर्चा की तो कहा कि हां वहां कुछ जगह में नहीं था इसलिए पाइपलाइन ऊपर लगा दी गई, मेने वहां जो कार्य कर रहे हैं उनको बोला है कि फिर से खुदाई करके अच्छी तरह से पाइप लगाए और इसकी लागत कितनी है मुझे नहीं पता इसकी जानकारी आपको पीएचई थांदला से मिल जाएगी साथ ही उन्होंने बताया कि कार्य इतना धीमा चल रहा है तो आपको इस संबंध में हमारे प्रोजेक्ट मैनेजर से चर्चा करनी होगी मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता मुझे तो जैसा कंपनी की तरफ से निर्देश होता है वैसा हम कार्य करते हैं उसके बाद उन्होंने कोई भी जानकारी देने से अभिज्ञता जाहिर करें।

 जबकि सागवान में देसाई कंस्ट्रक्शन कंपनी सूरत द्वारा कार्य किया जा रहा है और उनके फर्म के ही अफताप आलम कंपनी की तरफ से सब इंजीनियर है लेकिन सब अपनी गलती छुपाने में लगे हुए हैं ।

    मामले में थांदला सबडिवीजन पीएचई के सब इंजीनियर अतुल पाटीदार ने माही की गूंज को जानकारी देते हुए बताया कि, अगर पाइप जमीन के ऊपर ही बिछा रहे हैं और कम खुदाई हो रही है तो मैं खुद मामले को देखता हूं और वहां मौके पर जाकर जो भी होगा सुधार करवाया जाएगा।

   मामले को लेकर पीएचई विभाग झाबुआ के कार्यपालन यंत्री(ई, ई) जितेंद्र मावी से संपर्क करने की भी कोशिश की गई लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।




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