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कड़ी निंदा नहीं, कठोर कार्रवाई की आवश्यकता
24, Apr 2025 17 hours ago

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माही की गूंज, झाबुआ। संजय भटेवरा

    जम्मू-कश्मीर। पिछले दिनों रिकॉर्ड तोड़ पर्यटकों की आमद व शांति एवं विश्वास के वातावरण को देखकर हताश हुए आतंककीयों ने मंगलवार को एक बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें करीब 28 लोगों की मौत व दो दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। पिछले लगभग ढाई दशकों में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। यह हमला पर्यटको पर नहीं देश की आत्मा पर किया गया हमला है। शांति के तमाम प्रयासों के बीच आतंकियों ने अपनी बौखलाहट का परिचय देते हुए घूमने आए पर्यटकों को धर्म पूछ कर गोलियों की बौछार कर दी। निश्चित रूप से इस घटना के बाद पूरे देश के नागरिकों का खून खौल चुका है और प्रत्येक देशवासी इस घटना के बाद आक्रोशीत हैं। और वे प्रधानमंत्री मोदी से सीधे-सीधे त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे है। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़ी निंदा वाले बयान पर भी लोगों ने आक्रोशित होते हुए कहा है कि, आखिर कब तक हम कड़ी निंदा ही करते रहेंगे, अब समय कड़ी निंदा वाले बयान का नहीं, कडी कार्रवाई का है। तथा प्रधानमंत्री को अपने सारे काम छोड़कर इस घटना पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। क्योंकि पूरा देश इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ है और आशाभरी निगाहों से देख रहा है, आखिर कब तक हम शांति कबूतर ही छोड़ते रहेंगे...?

मोदी को बतला देना

    हमले में घायल प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आतंकीयों ने उनका धर्म पूछा और हिंदू या अन्य जाति बताने पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी और चेतावनी देते हुए कहा कि “जाओ अपने मोदी  को जाकर बतला देना “निश्चित रूप से यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं, देश को चेतावनी है‘‘ और इस मुद्दे पर अब देश का रवैया शांतिपूर्ण नहीं रहना चाहिए। पुलवामा के बाद पहलगाम में हुए इस घटनाक्रम में यह तो  तय है कि, इतनी बड़ी कार्यवाही को बिना किसी स्थानीय के सहयोग से अंजाम नहीं दिया जा सकता है। इसलिए हमें न केवल देश में छिपे भेडियो को पहचानना है, बल्कि उन्हें ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि, उनकी आने वाली पुस्तें भी देश से गद्दारी करने से पहले हजार बार विचार करें। साथ ही दुश्मन देश के विरूद्ध भी प्रभावि जवाबी कार्रवाई अविलंब की जानी चाहिए। घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर पोस्ट की बाढ़ आ गई है। कई लोगों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि, अब समय आ गया है “ 56 इंची सीना दिखाने का!“ देश के निर्दोष नागरिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।

पर्यटकों को ही निशाना क्यों..?

    पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के बाद पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्डतोड बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इससे जम्मू कश्मीर की आर्थिक व्यवस्थाओं में भी सुधार हो रहा था। लोग निर्भीक रूप से पर्यटन के लिए जम्मू कश्मीर में जा रहे थे, और आगामी दिनों में अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है। ऐसे में आतंकियों ने भय व दहशत का माहौल पैदा करने के लिए पर्यटकों को निशाना बनाया है। ताकि आम लोग भयभीत ही रहे व आतंकी, घाटी में दहशत फैलाने में कामयाब हो सके। हमले के बाद देश के गृहमंत्री ने त्वरित निर्णय लेते हुए श्रीनगर पहुंचकर उच्च स्तरीय बैठक ली है और सुरक्षा हमले को अलर्ट कर दिया है, लेकिन फिर भी देशवासी इस घटना का उचित बदला चाहते हैं।

अलीराजपुर के एलआईसी ब्रांच मैनेजर भी हुए हमले के शिकार

    उक्त आतंकी हमले में ओडिशा, कर्नाटक, उतरप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्य के साथ मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल जिले अलीराजपुर में एलआईसी ब्रांच मैनेजर के पद पर पदस्थ व इंदौर के मुल निवासी सुशील नाथानिया की भी इस आतंकी हमले में आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। साथ ही उनके साथ उनकी बेटी पर भी जानलेवा हमला किया जिससे वह जख्मी है। घटना की जानकारी आने पर अलीराजपुर में परिजनों का हाल बेहाल है।

    वहीं परिजनों द्वारा बताया जा रहा है कि, आतंकवादियों ने हिंदू है या मुस्लिम पूछा था, जिस पर सुशील नाथानिया ने क्रिश्चियन होना बताया और आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। नाथानिया का अंतिम संस्कार परिवार अनुसार मूल निवास स्थान इंदौर में किया जाना है।



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