मौत नही देती कोई मौका, कोई यकीन नही कर पा रहा नही रहा राधेश्याम
माही की गूंज, बामनिया।
अपने आपको हमेशा फिट रखने के लिए वर्जिश करने और क्रिकेट के खेल से जुड़े रहने वाला नगर का 36 वर्षीय युवा राधेश्याम मालवीय जो नगर में हर कोई राधे के नाम से जानता है, बीती रात उसके सर पर काल ऐसा मंडराया की मौत ने उसको संभलने तक का मौका नही दिया और दस मिनिट में उसके प्राण पखेरू उड़ गए। बीती रात लगभग 8 बजे राधेश्याम अपने घर के बहार बैठा था कि अचानक उसके सीने में दर्द उठा और अचेत हो गया। घर के और आसपास के लोग जब तक उसकी मदद के लिए पहुँचे राधेश्याम की सांसे लगभग जवाब दे गई थी। प्राथमिक जांच के बाद उसे पेटलावद ले जाया गया जहॉ डॉक्टर ने राधेश्याम की मर्त घोषित कर दिया। राधे की मौत की खबर ग्राम में आने पर किसी को भी यकीन नही हुआ की जो कुछ देर पहले हमारे साथ था वो इस दुनिया मे नही रहा। मिलने वाले रात में घर पर जमा हो गए और घर पर जैसे ही राधे का मर्त शरीर पहुँचा घर मे चित पुकार मच गई पूरा माहौल गमगीन हो गया। राधेश्याम घर का इकलौता चिराग था जो अपने पीछे अपनी माँ, पत्नी और दो मासूम बच्चों को छोड़कर दुनिया से अलविदा हो गया। राधे का अंतिम संस्कार बामनिया मुक्तिधाम पर आज सुबह 11 बजे होगा।