माही की गूंज बमनाला (खरगोन)
10 मई को मदर्स डे पर नगर के स्वास्थ्य केंद्र पर बंदरिया की कुत्तों के हमले अपने बच्चे की जान बचाते हुए मौत हो गयी थी। उसके बाद उस नन्ही बेसहारा बच्ची की जिम्मेदारी नगर की टीम संजीवनी ने उठाई थी। आज सुबह एक अनोखा नजारा देखने को मिला लगभग तीन दिन बाद उसी बच्ची को लेने बंदरो की टोली टीम संजीवनी के सदस्य के घर तक आ पहुंची जिन्हें देख नन्ही सी बंदरिया खूब शोर मचाने लगी। जिसके बाद टीम के द्वारा बच्ची को बंदरो के गिरोह के मुखिया को सौंप दी गयी। बन्दर उस बच्ची को अपने साथ ले गया। खास बात तो ये रही कि, बन्दर की गोद मे जाते ही वो नन्ही बच्ची फिर से रोने लगी और ऐसा लग रहा था कि, वो मुखिया को अपनी माँ के बारे में कुछ बता रही हो। बच्ची को पाने के बाद जैसे बंदरो के झुंड में एक नया उत्साह देखने को मिला हो। जिसके बाद संजीवनी के सदस्य लक्ष्य राठौड़ के द्वारा पूरे बन्दरो के गिरोह को फल फ्रूट खिलाये गए। इस पूरे घटनाक्रम में जानवरों और इंसानों के बीच गजब की जुगलबंदी दिखाई दी।