जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समुह की बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय
माही की गूंज, खरगोन
स्वामी विवेकानंद सभागृह में रविवार को जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समुह की बैठक कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी के मद्देनजर समस्त कलेक्टर्स को जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समुह की बैठक आयोजित कर स्थानीय स्तर पर संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक निर्णय लेकर अमल में लाने के निर्देश दिए गए। इसी के तारतम्य में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने संकट प्रबंधन समुह के अलावा शहर के धर्मगुरूओं और विभिन्न व्यापारिक संघों के प्रतिनिधियों को बैठक में आमंत्रित किया। बैठक में खासकर आगामी समय में आयोजित होने वाली शादियों को कोरोना संक्रमण से कैसे मुक्त रखा जाए? इस पर कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने सभी सदस्यों को सुझाव के साथ-साथ निर्देशों का पालन करने पर भी जोर दिया। बैठक में सदस्यों ने कहा कि आगामी समय में होने वाली शादियों के लिए कई लोगों ने तैयारियां कर दी है। इस संबंध में सभी सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव रखें। सदस्य ओम पाटीदार, कल्याण अग्रवाल और कपिल महाजन ने कहा कि धर्मशालाओं व गार्डनों में आयोजित होने वाली शादियों के लिए अधिकतम 500 या परिसर की क्षमता के अुनरूप 50 प्रतिशत लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएं। इसके अलावा नियमों का पालन नहीं करने पर मांगलिक परिसर या धर्मशाला के ऑनर तथा शादी के आयोजक को ही जिम्मेदारी देते हुए सदस्यों ने जुर्माने की कार्यवाही पर सहमति दी।
धर्मशालाओं पर हजार और मैरेज गार्डन पर 5 हजार का जुर्माना
बैठक में समुह के सदस्यों के साथ-साथ व्यापारी संघों के प्रतिनिधि और धर्मगुरूओं ने सहभागिता करते हुए शादी के माहौल में शादियां भी समुचित तरीके से हो जाए और नियमों का पालन भी हो सके। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने समस्त अनुभागों के राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्रों में धर्मशाला और मैरेज गार्डन की सूची बनाएं तथा क्षमता के अनुरूप ही शादियों में लोग मौजुद रहें। साथ ही शादियों के दौरान गेट पर मास्क और टेंप्रेचर की जांच के लिए अनिवार्य रूप से स्टॉल लगाएं जाएं। बिना मास्क और फिजिकल दूर के पाए जाने पर धर्मशालाओं के ऑनर व आयोजक पर 1 हजार रूपए, छोटे गार्डन में 2 हजार तथा बड़े गार्डन पर 5 हजार रूपए की चालानी कार्यवाही की जाए। बसों में बिना मास्क के पाए जाने पर बस मालिक पर 1 हजार और पैसेंजर पर 100 रूपए, ऑटों और छोटे वाहन संचालक पर 500 रूपए और दुकानदार पर भी 1 हजार रूपए का जुर्माना होगा।
हॉट बाजारों में 6-6 फिट की दूरी में लगेगी दुकानें
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने ग्रामीण अंचलों में आयोजित होने वाले हॉट बाजारों तथा मास्क की उपयोगिता को लेकर भी अपनी बात रखी। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने समस्त एसडीएम व जनपद सीईओ को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों के हॉट बाजारों में 6-6 फिट की दूरी पर दुकानें लगाई जा सकेगी और हॉट बाजारों में निगरानी ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम रोजगार सहायक द्वारा की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में ग्राम पंचायत तथा नगरीय निकाय द्वारा मास्क के लिए यथासंभव स्व सहायता समुह की दुकानें अधिक से अधिक संख्या में लगाई जाएं। वहीं धार्मिक स्थलों पर अन्य संस्थानों में मास्क की दुकानें भी लगाएं। मास्क और फिजिकल दूरी को लेकर जिले के समस्त एसडीएम और सीएमओ स्थानीय स्तर पर सामाजिक संस्थाओं और विभिन्न व्यापारी संघों के प्रतिनिधियों के साथ पृथक से बैठक कर मास्क और दूरी को लेकर निर्देश देंगे, जिनमें खासकर किराणा व्यापारी संघ, बस ऑपरेटर्स और इस तरह अन्य संघ के साथ बैठक करेंगे।
बिना मास्क पाए जाने पर होगा 100 रूपए का जुर्माना
बैठक के प्रारंभ में ही सभी सदस्यों ने मास्क और फिजिकल दूरी को लेकर तेज और कड़ी चालानी कार्यवाही करने के संबंध में अपने-अपने पक्ष रखें। कई सदस्यों ने बिना मास्क के घुमने वालों पर 100 रूपए की राशि बढ़ाकर 200 व 500 रूपए की चालानी कार्यवाही की बात रखी। विधायक श्री रवि जोशी ने कहा कि कुछ वर्ग के लिए 100 रूपए भी भारी पड़ते है। इसलिए शासन द्वारा निर्धारित 100 रूपए ठीक है, लेकिन चालान काटने की संख्या बढ़ा दी जाएं। विधायक श्री जोशी ने कहा कि रात्रि 10 बजे के बाद लोग घरों के बाहर नहीं निकल रहे है। इसलिए रात्रिकालीन कर्फ्यू की आवश्यकता नहीं है। जिले में आयोजित होने वाली पंचक्रोशी यात्रा और आयोजित होने वाले मेले प्रतिबंधित रहेंगे।
कंट्रोल करने का सहीं समय यहीं
बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री शैलेंद्रसिंह चौहान ने कहा कि कंट्रोल करने का सही समय यहीं है। सभी मिलकर कार्य करें, तो कोरोना हमारे घर तक नहीं पहुंचेगा। सदस्यों व प्रतिनिधियों द्वारा जो सुझाव दिए गए है, वे सभी अपने-अपने आसपास के लोगों और संघों को भी इस संबंध में नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। खासकर धर्मगुरू अपने-अपने समाज को इस दिशा में पहल करने के लिए भी जागरूक करने की पहल करें।