जी हाँ साहब यदि आपको नही पता हो तो आप सबको अवगत करवा रहा हूं कि, पेटलावद में दिनांक 08/05/2020 को कोरोना वारियर्स सम्मान के नाम पर एक बड़ा आयोजन पेटलावद की नगरपालिका के भवन पर कियॉ गया जिसमे पेटलावद के लगभग सबडिवीजन अफसर और समाजसेवक और कुछ पंसदीदा कर्मचारी मौजूद रहे, उक्त निजी आयोजन पेटलावद के रिटायर्ड डॉ. के.डी.मंडलोई जिन्होंने उनकी स्वर्गिय धर्मपत्नि की स्म्रति में प्रथम पुण्यतिथि मनाई, जिसे कोरोना वारियर्स को सम्मान देना बताया गया। अब आश्चर्यजनक बात है कि, जहाँ एक और सम्पूर्ण विश्व कोरोना जैसी माहमारी से बचने की कोशीश में लगा है वही पेटलावद में डॉ. मण्डलोई साहब अलग ही ठंग से प्रशासनिक जगह पर लगभग सौ से अधिक लोगो को इक्कठा कर डॉ. मण्डलोई की धर्मपत्नी की स्म्रति में पुण्यतिथि मनाई, जिसमे सफाईकर्मियों को कोरोना वारियर्स बता कर उनका सम्मान भी किया। देखने की बात तो यह थी कि, इस पूरे कार्यक्रम में पेटलावद एसडीएम एम.एल.मालवीय, एसडीओपी बबिता बामनिया और तमाम नगरपालिका कर्मचारी और पेटलावद के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे । नगरपालिका में भवन के एंट्री गेट पर बहुत कंजेस्टेड जगह पर एक छोटी टेबल लगाकर उस पर स्वर्गिय श्रीमति सुमन मण्डलोई पति डॉ. के.डी.मण्डलोई की तस्वीर लगाई गयी, जिस पर डॉ. मंडलोई, एसडीएम मालविय , एसडीओपी बबिता बामनिया व सभी आमंत्रित वरीष्ठ व गणमान्य नागरिकजन जो कार्यक्रम में शरीक हुए, सभी ने स्वर्गीय सुमनजी की तस्वीर पर पुण्यतिथि के अवसर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि आयोजन में एक छोटी सी टेबल उसके इर्दगिर्द मानो हुजूम उमड़ रहा हो, कानून के रखवाले और कार्यपालिका, जीवनदाता डॉ., और गणमान्य नागरिक आदि जो कि, इस आयोजन के दौरान सामाजिक दुरी की धज्जिया उड़ाकर एक दूसरे से कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े नजर आए। अरे साहब, आप इन शब्दो को गलत मत समझिए मेरा कहने का मतलब है, लॉकडाउन के दौरान ये सभी सामाजिक दुरी की धज्जियां साहब आपके ही द्वारा उड़ाकर आखिर आप जिलेवासियों को क्या संदेश देकर किस गर्ध में लेजाना चाहते है ? का सवाल सभी की जुबा परआ रहा है।
जहाँ बार-बार एलाउंसमेन्ट कर उन सफाईकर्मियों को कहा जा रहा था कि, आप सभी सोशल डिस्टनसिंग का पालन करके लाइन में खड़े रहे। वही ये अधिकारीगण सोशल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ाते रहे ।
जहाँ यदि कोई आमजन या गरीब व्यक्ति के यहा कोई कार्यक्रम हो तो, वहाँ पर यही पुलिस अधिकारी उन पर कार्यवाही करते या उन्हें पुलिसया तोर तरीको के साथ कानून का पाठ पढ़ाकर तीतर-बितर करते दिखाई देते है। एक्का-दुक्का लोग इवनिंग वॉक पर निकले या घर से बहार दिखाई दे तो उन पर भी लाठियां भांजते नजर आते है ,थाने पर बिठाकर कोरोना की आड़ लेकर बेज्जती करते है।
अब यह तो मामला डॉ.साहब का है, आपसी सामंजस्य तो रखना पड़ेगा चाहे शासकीय जगह पर आप लॉकडाउन में सौ के लगभग लोगो को एकत्रित कर पुण्यस्म्रति मना रहे हो और कोरोना वारियर्स का सम्मान भी कर दो? अब डॉ. साहब को ही नहीं सभी महानुभवो को क्या समझाना कि, यह कोरोना संक्रमण कितना खतरनाक है कि, बिना सोशल डिस्टनसिंग के आप भी इससे बच नही सकते हो ।
अब बात करते है मुद्दे की...
इतने बड़े आयोजन की परमीशन कब और कहा से ली वो भी शासकीय भवन में और जहा बड़ी संख्या में लोगो को इक्कठा किया गया ।
इस कार्यक्रम में एसडीएम महोदय पहुचे उन्हें भी यहाँ ठीक से खड़े रहने की जगह भी नही मिल पा रही थी, ऐसे आयोजन में सोशल डिस्टनसिंग के नियमो की खुद धज्जियां उड़ाते हुए, एसडीएम साहब नज़र आए। आयोजन में एक पुलिस अधिकारी ऐसे भी थे, जो की यहाँ से स्थानांतरित हो चुके हैं वह भी मौजूद थे,अब ये तो उनका विभाग ही जाँच करें कि, वो कोरोना के इस संकट काल मे अपनी ड्यूटी छोड़ कर यहाँ आए थे या छुट्टी लेकर?
एसडीओपी बबिता बामनिया जो कि खुद इस कार्यक्रम में भीड़ में खड़ी है क्या अब यहाँ वे खुद शोशल डिस्टनसिंग का पालन कर रही थी? जो पुलिस लोगो को डंडे मारकर लोगो को सोशल डिस्टनसिंग का पालन सिखा रही है, क्या वही पुलिस सोशल डिस्टनसिंग के नियमो की धज्जिया यहां नही उड़ा रही है?
रही बात कोरोना वारियर्स के सम्मान की तो यदि इतना ही सम्मान करना था तो, सभी कोरोना वारियर्स के एकाउंट में वर्तमान परिस्थितयो को देखते हुए एक माह के राशन-पानी का पेमेंट डाल देना था, जिससे डॉ. साहब आपको दुआ मिलती साथ ही मृत आत्मा के लिए सच्ची श्रद्धांजलि भी होती और यह समारोह का आयोजन भी नही करना पड़ता।
पूरे मामले की जिलादण्डाधिकारी के द्वारा जांच कर सम्बंधित अधिकारियों पर लॉकडाउन के उलंघन का मामला दर्ज होना चाहिये, धारा 144 जिले ही नहीं पुरे देश भर में लागू है, ऐसे में एक निजी कार्यक्रम में शरीक हुए और ये पेटलावद का पहला मामला नही की एक सार्वजानिक स्थान पर निजी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में इक्कठा हुए। इन कार्यक्रमो में जबाबदार सारे नियमो को ताक में रखकर फ़ोटो खिंचवाते नजर आए। ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर मामला दर्ज होना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो और शासन-प्रशासन पर कोविड-19 की इस महामारी में भी पक्षपात के आरोप लगे।
पाठक लेखन
बबलू बैरागी डाबड़ी(पेटलावद)