वर्तमान में सोशल मीडिया के दौर में प्रिंट मीडिया के समक्ष कई चुनौतियां है। अखबार वह भी साप्ताहिक और झाबुआ जिले में इस विचार को ही कई लोगों ने खारिज कर दिया था, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और हमारे पत्रकारिता जगत के पितामह स्व. यशवंत जी घोड़ावत के दिव्याशीष से यह कांटो भरा सफर आज अपने सफलतम 4 वर्ष पूर्ण कर, पांचवे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। निश्चित रूप से शैशवकाल थोड़ा मुश्किल होता है, कई चुनौतियां, कठिनाइयां और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इन्हीं मुश्किलों का सामना करते हुए, आपका अपना अखबार ‘‘माही की गूंज’’ आज अपने पांचवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। जिसके लिए ‘‘माही की गूंज’’ परिवार अपने सभी पाठकों, शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करता है और आशा करता है कि, सभी स्नेहीजनों का प्यार इसी प्रकार आगे भी बना रहेगा।
इन 4 वर्षों के सफर के दौरान ‘‘माही की गूंज’’ ने हमेशा ही जनहित के मुद्दे को प्राथमिकता दी। वहीं भ्रष्टाचार, अनीति, अन्याय व माफियाओ के खिलाफ अपनी लेखनी से कड़ा प्रहार किया है। सोशल मीडिया के इस दौर में जहां व्यक्ति पल-पल की खबरों के साथ अपडेट रहता है लेकिन ‘‘माही की गूंज’’ का इतंजार सप्ताह भर करता है। हमारे पाठकों को हर घटना, विषय, मुद्दे पर ‘‘माही की गूंज’’ के विश्लेषण को पढ़ने की उत्सुकता रहती है।
‘‘माही की गूंज’’ की सटीक खबरें, बेबाक विश्लेषण, अन्याय के खिलाफ मुखर लेखनी प्रतिभाओ का सम्मान, खेलों को प्रोत्साहन आदि अनेक विशेषताएं अन्य अखबारों से अलग साबित करती है और इन्हीं विशेषताओं के कारण लेखनी की यह यात्रा अनवरत जारी है.....
झाबुआ जैसे पिछड़े जिले को सरकार ने प्रयोगों की प्रयोगशाला बना दिया और अधिकारियों ने लूट की दुकान.... लेकिन ‘‘माही की गूंज’’ ने भ्रष्टाचार के कई काले कारनामों को जनता के समक्ष रखा। यही कारण है कि, ‘‘माही की गूंज’’ अखबार के लिए आम जनता में तो उत्सुकता रहती है लेकिन भ्रष्टाचारियों व माफियाओ की आंख की किरकिरी बन चुका है। जिले की छोटी से छोटी पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक के अच्छे कार्यों का तो ‘‘माही की गूंज’’ ने स्वागत किया है, लेकिन अन्याय के खिलाफ अपनी नजरें तीखी ही रखी है। इन 4 वर्षों में इस कलम को डराने... धमकाने... लालच... यानी साम-दाम-दंड-भेद आदि के माध्यम से कुचलने के कई असफल प्रयोग हुए हैं लेकिन ‘‘माही की गूंज’’ की कलम ना ड़री है... ना थकी है... ना रूकी है... और नहीं रुकेगी क्योंकि पाठकों का स्नेह... वरिष्ठो का आशीर्वाद व शुभचिंतकों की शुभकामनाओं का संबल हमारे साथ है।
इन 4 वर्षों की सफल यात्रा में हमारे हमसफर बने सभी सुधी पाठकगण, संवाददाता, विज्ञापनदाताओ और आमजनता का ‘‘माही की गूंज’’ अपने 5 वे वर्ष के पढ़ाव पर आभार व्यक्त करता है... यह यात्रा अपने 5 वे वर्ष में भी इसी प्रकार चलती रहेगी।
इसी आशा और विश्वास के साथ एक बार पुनः आप सभी स्नेहील जनो का ‘‘माही की गूंज’’ परिवार की ओर से आभार... वंदन... अभिनंदन... के साथ आप सभी को दिपावली व नववर्ष की अंनत हार्दिक शुभकामनाए...।
संजय भटेवरा
प्रधान संपादक