पुराना दौर हो या नया दौर हो, चाहे मानवता हो या धार्मिकता या फिर राजनीति या सामाजिक क्षेत्र हो इनके साथ ही साहित्य, कला, संगीत, अभिनय आदि में इंदौर ने हर दौर में अपने को अव्वल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी और हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति से इन्दोरीयंस ने अपना जलवा बरकरार रखा। बात अगर अभिनय की करें तो इंदौर के कई कलाकार अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं और मनवा भी रहे हैं। नई पीढ़ी के ऐसे ही एक कलाकार से हाल ही में मुलाक़ात का अवसर मिला जो मालवा के समृद्ध होलकर वंश की रानी देवी अहिल्या की जीवन गाथा पर आधारित टीवी धारावाहिक अहिल्या में गजानन के किरदार में दर्शकों को आकर्षित किया और वे हैं इंदौर के मयंक शर्मा।
11 को गर्दन कटी और 12 को मुलाक़ात हो गई
यह किसी हारर फ़िल्म के दृश्य के समान ही था। आपको यकीन करना ही होगा। जी हाँ ऐसा ही हुआ। 11 जनवरी 2023 को सोनी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक,, अहिल्या,, में गजानन का किरदार निभाने वाले कलाकार मयंक शर्मा से 12 जनवरी को इंदौर में मुलाक़ात हुई। मयंक शर्मा इंदौर के रहवासी हैं। नृत्य और अभिनय ही उनका जीवन है।
5 से 11 जनवरी तक मयंक शर्मा गजानन के किरदार में अहिल्या धारावाहिक में दर्शकों को दिखाई दिए। सरल व सौम्य स्वभाव के मयंक से इंदौर में अचानक ही मुलाक़ात हो गई।उनसे हुई बातचीत के अंश...
परिवार में एकमात्र कलाकार
मयंक बताते हैं बचपन से ही नृत्य में रूचि रही और इसी वजह से उन्होंने कथक में विशारद (बैचलर डिग्री ) किया और इसमें मास्टर डिग्री के लिए तैयारी कर रहे हैं। शिखर सम्मान से सम्मानित नृत्य पुरोधा आदरणीय गुरु "पंडित श्रीधर व्यास" की सुपुत्री नृत्य प्रवीण आदरणीय गुरु डॉक्टर संतोष देसाई से गत 8 वर्षो से नृत्य की शिक्षा ले रहा हूं।
पिता रोहिताश शर्मा कराते प्रशिक्षक हैं और राजनीति से भी जुड़े हैं। माता ब्यूटीशियन के साथ डॉक्टर हैं। दो भाई इंदौर में ही शासकीय नौकरी में हैं।
आपने बताया कि अहिल्या सीरियल में काम करने के दौरान उन्होंने तय कर लिया कि देवी अहिल्या को लेकर वे एक फ़िल्म का निर्माण करेंगे। जिसकी शूटिंग इंदौर, भोपाल, उज्जैन और महेश्वर आदि स्थानों पर की जाएगी। इसमें मुख्य किरदार मुंबई के रहेंगे और स्थानीय कलाक़ारों को भी महत्व दिया जाएगा। इसके लिए प्रयास जारी हैं जल्द ही इस कार्य को मूर्त रूप दिया जाएगा।
फ़िल्म स्टूडियो का अभाव खलता है
इंदौर में हाल में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर इस बात का मलाल रहा कि देश दुनिया के पूँजीपति इंदौर आए। इंदौर के साथ प्रदेश में रोजगार के साधनों को सरकार व प्रशासन ने साधा लेकिन इंदौर में एक फ़िल्म स्टूडियो कि दरकार को दरकिनार ही रखा। मयंक चाहते हैं कि इंदौर में फिल्मों कि शूटिंग के पर्याप्त अवसर हैं लेकिन स्टूडियो के अभाव में यह सम्भव नहीं हो पाता है।
डांसिंग से एक्टिंग का सफर
मयंक का रुझान बचपन से ही डांसिंग में रहा। उन्होंने मुंबई में रेमो डिसूजा सर, गीता कपूर, गणेश आचार्य जैसे कोरियोग्राफरों के साथ भी काम किया। फिलहाल वे इंदौर के एक निजी विद्यालय में डांस शिक्षक हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में मयंक ने बताया कि डायरेक्टर रोहित चौधरी से ज़ब मुलाक़ात हुई तो उन्होंने मेरे लुक के आधार पर मुझे,, द गेम,, फ़िल्म में सीबीआई आफिसर का किरदार दिया तभी से अभिनय का सफर शुरू हुआ। ओमपुरी के साथ फ़िल्म,, लस्टम पस्टम,, और मनोज वाजपेयी के साथ,, सायलेंस,, फ़िल्म में अभिनय किया है।
आपने बताया कि दक्षिण भारत की एक फ़िल्म के लिए 8 जनवरी को ही भोपाल में आडिशन दिया है। इसके साथ ही,, सेल्फी,, मूवी के लिए अक्षय कुमार के साथ काम किया है इसकी भोपाल में शूटिंग हुई। रिलीज होना बाकी है।
डीडी नेशनल पर किसान आधारित सीरियल,, जय हो भारती, के दो एपिशोड में तांत्रिक व बाहुबली गुंडे का किरदार किया। युवाओं में प्रसिद्ध एम टीवी के स्टोरी सीरियल,, प्यार तूने क्या किया,, में पेंटर का किरदार प्रमुख है।
क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया साईं बाबा, सुहानी सी एक लड़की (स्टार प्लस ) के अलावा भोजपुरी सीरियलों में भी अभिनय किया।
जीवन में यादगार पल
लस्टम पस्टम,, फ़िल्म कि शूटिंग के दौरान साथी कलाकारों से बतियाते हुए अचानक मेरे कंधे पर ज़ब किसी का हाथ रखाया तो पलट कर देखने पर चकित रह गया। वह हाथ किसी और का नहीं ओम पुरी जी का था। उन्होंने कहा अच्छे कलाकार के गुणों से युक्त हो, भविष्य में अभिनय में नाम कमाओगे। मेरे जीवन में वह पल कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
अहिल्या धारावाहिक में गजानन का किरदार सबसे बड़ा किरदार है इससे मुझे एक अलग पहचान मिली है ज्यादा से ज्यादा दर्शकों से सराहना मिली है।
भाग्य ने साथ नहीं दिया
मयंक ने अफ़सोस जताते हुए बताया कि 2016 में कार्सन वर्ल्ड प्रोडक्शन हाउस बेल्ज़ियम के साथ फ़िल्म करने का करार हुआ लेकिन कोविड के कारण वह काम रुक गया था। अगर यह सम्भव हो पाता तो अंतरराष्ट्रीय फिल्म में अभिनय कर पाता। पर शायद विधाता को मंजूर नहीं था। बावजूद इसके उन्हें अभी भी आस है कि कभी तो अवसर मिलेगा। उन्होंने करार की प्रति भी बताई।
मुलाक़ात:- निशिकांत मंडलोई