माही की गूंज, खरगोन।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरगोन में आज 29 दिसंबर को प्राचार्य डॉ. आरएस देवड़ा के मार्गदर्शन में महिला सशक्तिकरण समिति द्वारा छात्राओं को सशक्त होने, लक्ष्य को हासिल करने तथा दृढ़ इच्छा शक्ति हेतु भारत की पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा की आत्मकथा का प्रदर्शन वीडियो के माध्यम से किया गया। अपना एक पैर खोने के बाद भी अगर कोई दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने का मन में विचारभर भी लाए तो वो जरूर आम इंसान नहीं होगा। यह कहानी है अरुणिमा सिन्हा की जो एक भारतीय पर्वतारोही हैं। वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली दुनिया की पहली दिव्यांग महिला हैं। उन्होंने ये कारनामा 21 मई 2013 को कर दिखाया। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में जन्मी अरुणिमा वॉलीबाल में राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी भी रह चुकीं हैं। 12 अप्रैल 2011 अरुणिमा ने लखनऊ से दिल्ली के लिए पद्मावती एक्सप्रेस ट्रेन से जा रही थी तब कुछ चोर-लुटेरों ने उनको ट्रेन के जनरल डिब्बे से बाहर फेंक दिया जिसमें उन्होंने अपने पैर खो दिया। इसके बाद भी उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से अपने सपनों को पूरा किया और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया।
महिला सशक्तिकरण समिति संयोजक डॉ. ललिता बर्गे ने बताया कि, जिस प्रकार अरुणिमा सिन्हा ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी वैसे ही हमें भी जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए। ज्ञातव्य है कि महिला सशक्तिकरण समिति द्वारा प्रतिमाह छात्राओं को सशक्त तथा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रम किये जाते है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गणेश पाटिल ने किया तथा आभार डॉ. निशा गर्ग ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. वंदना बर्वे, डॉ. कमला गौतम, डॉ. गायत्री चौहान, महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।