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अब फलियाओं की बस्ती होगी जगमग, खेत भी लहलहाएंगे
दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में हुआ नया ग्रीड़ तैयार
माही की गूंज, खरगोन
जिले की दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हमेशा से बिजली की समस्या रही है, लेकिन अब झिरन्या के दुर्गम पहाड़ी अंचल में बिजली की समस्या और कम वॉल्टेज से मुक्ति मिल जाएगी। झिरन्या के तितरान्या में 33/11 केव्ही का पॉवर ग्रीड़ बनकर तैयार हो गया है। इस पॉवर ग्रीड़ से 35 गांव में बसें फलिया जगमग होने की तैयारी में है। साथ ही खेत भी अब रबी की फसलों से भी लहलहाते देखे जाएंगे। कार्यपालन यंत्री अनुप जोशी ने बताया कि, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में बिजली की समस्या व कम वॉल्टेज से लोगों को परेशान होना पड़ता था, लेकिन अब यह समस्याएं दूर कर दी गई है। यह पॉवर ग्रीड़ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां फैले वन्य क्षेत्र में वन विभाग की आपत्ति के कारण बिजली का कार्य करने में समस्या थी। पूर्व में चिरिया ग्रीड़ से 11 केव्ही लाईन से सप्लाय होती रही। चिरिया से 259 किमी लंबाई के कारण लाईट बंद और वॉल्टेज की समस्या होती रही। 2019 में ग्रीड़ निर्माण ओर बिजली लाईन निर्माण की स्वीकृति भारत व राज्य सरकार द्वारा दी गई। वन विभाग को वन्य क्षतिपूर्ति के लिए 2.74 करोड़ रूपए प्रदान किए गए। इस पूरे ग्रीड़ की लागत 3 करोड़ 10 लाख रूपए है।
36 गांव के 7 हजार से अधिक उपभोक्ता होंगे लाभांवित
म.प्र. विद्युत विभाग के अधीक्षण यंत्री डीके गाठे ने बताया कि पहाड़ी अचंल में बसे 36 गांव को विद्युत सप्लाय होगी। यहां लगभग 7 हजार सौ घरेलू बिजली उपभोक्ता है। इंजीनियर नितिन मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस क्षेत्र में 700 मोटर पंप स्थाई रूप से और 600 मोटर पंप मौसमी समय में अस्थाई रूप में कनेक्शन लेते है। यह ग्रीड़ जिले का एक मात्र ऐसा ग्रीड़ होगा, जहां अर्थिंग के लिए 60-60 मीटर के गड्ढ़े ट्यूबवेल मशीन से कराएं गए। इस क्षेत्र में 270 पोल लाल कलर से पेंट किए गए है, जिससे रिपेयरिंग करते समय 33 केव्ही और 11 केव्ही के पोल का अंतर पता चल सके। क्योंकि यह क्षेत्र कव्हरेज विहीन है। ऐसे में रिपेयरिंग करते समय असुविधा न हो।