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शिव की नजर निमाड़ पर क्यो नही पड़ी ..!
Report By: पाठक लेखन 29, Jul 2021 3 years ago

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    मध्यप्रदेश में भाजपा ने लगातार 15 वर्ष राज किया, इन वर्षो में तीन मुख्यमंत्री बदले जिनमे उमा भारती, बाबूलाल गौर फिर शिवराज सिंह चौहान सबसे ज्यादा समय सीएम रहे। लेकिन इन 15 वर्षो में निमाड़ की अनदेखी की गई जिसकी वजह से 2018 के विधानसभा चुनाव में खरगोन जिले में पूरी छह विधानसभा सीट में भाजपा की करारी हार हुई। खरगोन जिले की बात करे तो वर्ष 2003 में एक सीट कसरावद विधानसभा में  भाजपा की हार हुई, वही वर्ष 2008 में महेश्वर विधानसभा सीट भाजपा हारी, 2013 में छह में से तीन पर भाजपा व तीन पर कांग्रेस जीती और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरी सीट पर भाजपा की करारी हार हुई। यह हार की वजह क्या रही अभी तक पार्टी ने विश्लेषण नही किया जबकि करना चाहिये था। 2018 विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा 109 सीट, कांग्रेस 114 व अन्य 7 सीट पर विजय हुए भाजपा महज 5 सीट कम लेकर आई और सरकार कांग्रेस की बन गई।

    सोचो यदि पश्चिम निमाड़ खरगोन में भाजपा छह सीट जीत जाती तो प्रदेश में किसकी सरकार होती? भाजपा शासित 15 वर्ष के शासन काल मे खरगोन जिले से शिवराजसिंह  मंत्रिमंडल में किसी को भी मंत्री नही बनाया गया और बनाया भी तो आखिर छह महीने के लिए। जिससे खरगोन जिले का विकास वैसे नही हुआ जैसा होना चाहिये था। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा कार्यकर्ताओ ने मजबूती से लोकसभा चुनाव  प्रचार किया वजह नरेंद्र मोदी जी का चेहरा था। खंडवा, खरगोन लोकसभा से दो सांसदों नंदकुमारसिंह चौहान व गजेंद्र पटेल को जीताकर लोकसभा दिल्ली भेजा। प्रदेश में कमलनाथ सरकार बन गई पार्टी कार्यकर्ता पूरी तरह मायूस हो गए। लेकिन प्रदेश की राजनीति में उठापठक के चलते 20 मार्च 2020 को कमलनाथ सरकार विश्वास मत खो चुकी व प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी जिसमे शिवराजसिंह चौहान को 23 मार्च 2020 को रात्रि 9 बजे राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम की चौथी बार शपथ दिलाई। कार्यकर्ताओ में नई ऊर्जा का संचार हुआ।अभी भी शिवराजसिंह जी की नजर निमाड़ पर नही पड़ी प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हुआ जिसमें सांसद गजेंद्र पटेल को प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया वह वर्तमान सांसद है, जबकि उनका निवास बड़वानी जिले में है, फिर राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुमेरसिंह सोलंकी को निर्वाचित किया गया वह भी बड़वानी जिले के निवासी है। जबकि पहले से ही प्रेमसिंह पटेल शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री है।

    इत्तफाक देखे तीनो नेता बड़वानी जिले से ही है क्या प्रदेश कार्यकारिणी व राज्यसभा से खरगोन जिले से किसी को मौका नही दिया जा सकता था। यह बात चिंतनीय है जिले का कार्यकर्ता पार्टी का काम पूर्ण निष्ठा व समर्पण भाव से करता है। इस बात को शीर्ष नेतृत्व आखिर क्यों नही समझता है ? क्या निमाड़ के लोग निमाड़ी बोलते है तो क्या वह बुद्धिहीन है या उन्हें राजनीति का ज्ञान नही है। खरगोन जिले से भाजपा संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी में छह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनाये गए है। यह मन समझाने वाली बात नही हुई तो क्या है। यह तर्क करने वाली बात है। जिसे समझना होगा जबकि खरगोन जिले में भाजपा के कहि वरिष्ठ नेता है जो प्रदेश कार्यकारिणी में नेतृत्व करने की क्षमता रखते है।खंडवा लोकसभा संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव का शंखनाद होने वाला है और भी तीन विधानसभा के उपचुनाव भी होने है अब प्रदेश नेतृत्व ने प्रभारी नियुक्त किये है। जो जरूरी भी है। इस लोकसभा उपचुनाव में बड़वाह व भीकनगांव विधानसभा भी आती है एक वर्ष से अधिक शिवराजसिंह चौहान जी की सरकार बनने को हो गया है लेकिन बड़वाह विधानसभा में कोई भी विकास कार्य नही हुए है। नगर क्षेत्र में जनता में खासी नाराजगी है कोरोना काल मे किसी ने उनकी खबर नही ली साथ ही उन्हें कोई रोजगार मुहैया नही कराए है। आमजनता में नाराजगी देखी जा रही है। बेरोजगारी चरम पर है, मंहगाई ने सबकी कमर तोड़ दी है। पेट्रोल-डीजल, खाद्य तेल के साथ गैस टंकी के भाव आसमान छू रहे है और ऊपर से यह चुनाव सिर्फ प्रभारी नियुक्त कर देने मात्र से चुनाव जीते जायेगे क्या इस बात को समझना पड़ेगा।

    15 वर्षो से शिव की नजर निमाड़ पर नही पड़ी आखिर जनता के साथ साथ पार्टी कार्यकर्ता तो पूछेंगे ही कि, आखिर इसकी वजह क्या हुई आखिर क्यों?  खरगोन जिले से मंत्री नही बनाया गया आखिर क्यों? बड़वाह को जिला घोषित नही किया गया? ऐसे अनगिनित सवाल है जिसका गुस्से का असर कहि लोकसभा चुनाव में देखने को नही मिले क्योकि यह सब ज्वलन्त मुद्दे है। जिसका जवाब तो प्रदेश सरकार को देना ही चाहिए।

लेखक - नारायणसिंह सोलंकी, बड़वाह


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