महाराजा कॉलेज में बी.कॉम. में अध्ययनरत बहनें गीता एवं सीता जगा रहीं योग की अलख
'रोगों से जंग, सीता-गीता के संग' के नाम से योग के लिए छेड़ा अभियान
महाराजा कॉलेज, छतरपुर से बी.कॉम. द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहीं दो बहनें गीता और सीता सोनी योग के प्रति गहरा लगाव होने के चलते अपने योग कार्यक्रमों के माध्यम से क्षेत्र में योग की अलख जगा रहीं हैं। इतना ही नहीं, अपने आयुर्वेदाचार्य पिता सीताराम सोनी से आयुर्वेद तथा नेचरोपैथी का अच्छा ज्ञान भी पाया है, जिसका उपयोग वे अपने सर्किल में करतीं रहतीं हैं। मां श्रीमती आशा सोनी, भाई इंजी पुष्पेंद्र सोनी एवं सभी परिजन इस कार्य के लिए इन दोनों को निरंतर अपना पूरा सहयोग और प्रेरणा देते रहते हैं। कोरोना काल में कोरोना से बचाव तथा इसके संपूर्ण उपचार में योग के महत्व को भी लोगों ने समझा है और ये दोनों योगाचार्य बालिकाएं भी अपने कार्यक्रम में समझाती हैं।
सोमवार 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सुअवसर को देखते हुए इन दोनों बहनों के इस हुनर को पहचान तथा प्रेरणा देने के उद्देश्य से गीता व सीता के प्राध्यापक डॉ सुमति प्रकाश जैन ने इनकी योग के प्रति गहरी रुचि, नियमित अभ्यास तथा जनसेवाओं की जानकारी दी है।
छतरपुर जिले के महाजरापुर की रहने वाली गीता सोनी बताती है कि, उन्हें शुरू से से योग में रुचि रही है और विभिन्न टीवी चैनलों पर बाबा रामदेव के योग कार्यक्रमों को देख देख कर उन्होंने योग सीखा है और अब विभिन्न रोगों के उपचार के लिए वे रोगों से जंग, सीता गीता के संग नाम से खासकर लडकियों, बच्चों एवं महिलाओं के लिए योगाभ्यास कार्यक्रम ऑनलाइन व ऑफलाइन चलाती हैं।इसी क्रम में सोमवार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर महाराजपुर में आर्य समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में गीता और सीता उपस्थित जन समूह को योगाभ्यास कराते हुए ना ना प्रकार के रोगों के निवारण में विभिन्न योग क्रियाओं को सजीव दिखाते हुए योग का महत्व समझाएंगी। आज के युवाओं में जहां योग के प्रति रुचि बेहद कम हैं, ऐसे में इन दोनों समर्पित, समझदार व सुदर्शी युवा योगाचार्य बहनों का पढ़ाई के साथ साथ योग में गहरा रुझान, योग के प्रति जागरूकता जगाने तथा लोगों की सेहत को दुरुस्त रखने का संदेश देने वाली पहल को बेहद सराहनीय कहा जा सकता है।गीता का तो कहना है कि वो अच्छी सेहत और उम्दा जीवन शैली के लिए आजीवन योग करेंगी तथा कराएंगी।
लेखक :- मदन साहू, पन्ना