चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत, प्रभारी मंत्री से मिल के विषय से करवाएंगे अवगत
माही की गूंज, झाबुआ।
झाबुआ स्थित राजगढ़ नाका स्थित भूमि खाता खसरा क्र. 52 / मिन-2 को सार्वजनिक प्रयोजन हेतु राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने के लिए आज आवेदन जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा को नगर के रातीतलाई के निवासियों द्वारा सौंपा गया। जिसमें बताया गया कि, हम अपने पूर्वजो से संबंधित धर्मिक एवं सामाजिक रीति-रिवाजो के निष्पादन (होलिका दहन, विवाह समारोह, उत्तर क्रिया के कार्यक्रम) के लिए राजगढ़ नाका स्थित खाता खसरा क्र. 52/ मिन-2 भूमि का उपयोग वर्षों से किया जा रहा है। वर्तमान में उक्त भूमि पर स्थानीय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कार्यालय द्वारा तार फेंसिंग कर इन धार्मिक सामाजिक गतिविधियों को बाधित किया जा रहा है जिसके कारण जन सामान्य में आक्रोश है। वर्ष 2004 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को आवंटन से पूर्व इस भूमि से गंदा नाला बहता था एंव स्थिति यह थी की यहाँ से निकलने वाले लोगों को अपनी नाक बंद कर निकलना पड़ता था। नगर के समाजसेवियों ने इस भूमि का जिर्णोद्धार करने का बीड़ा उठाया तथा जनसहयोग एवं श्रमदान के माध्यम से उस नाले के स्थान पर पाइप लाइन डाल कर उसे व्यवस्थित किया। म. प्र. सडक विकास निगम द्वारा झाबुआ-कुक्षी सडक निर्माण के दौरान भी यह स्थान नवनिर्मित सडक से लगभग 3 से 4 फीट नीचे हो गया था तब एक बार पुनः जनसहयोग से रिटेनिंग वाल का निर्माण कर भराव कराया गया एवं प्रति वर्ष इस भुमि का रखरखाव जन सहयोग से श्री नवदुर्गा महोत्सव समिति राजगढ़ नाका के नेतृत्व में किया जाता रहा है। जिले को प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाकर गौरवान्वित करने वाले शारदेय नवरात्रि के प्रथम दिवस निकलने वाले चल समारोह एवं नौ दिवसीय आरधना का मुख्य केन्द्र राजगढ़ नाका स्थित उक्त भूमि रही है। इस चल समारोह के माध्यम से झाबुआ नगर में संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक के साथ ही अन्य पडोसी देशों के कलाकारों द्वारा अपनी लोक संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता रहा है। जिसे देखने के लिए झाबुआ, धार, अलिराजपुर, बडवानी जिले के साथ ही राजस्थान एवं गुजरात से भी दर्शक सम्मिलित होते रहे है।
रहवासियों की मांग है, उक्त भूमि को सार्वजनिक उपयोग हेतु परिवर्तन किया जाये जो की हमारी मांग जायज है और ये चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत है इस विषय मे प्रभारी मंत्री से मिल के विषय से अवगत करवायेंगे।