इंजीनियर ने दिए निर्माण कार्य रोकने के निर्देश फिर भी नहीं रोका निर्माण का कार्य
माही की गूंज, भामल
जिले में नित्त नए-नए भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है। वही कई ग्राम पंचायतो में भी कार्य किए बिना ही राशि आहरण करने के आरोप भी पंचायत के नुमाइंदो पर लग रहे है, ग्राम पंचायतो में हो रहे कई मानक स्तर से घटिया निर्माण कार्य को भी समय-समय पर प्रकाशित किया गया है फिर भी जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ा। ग्राम पंचायतो के नुमाइंदो की कारगुजारी की शिकायतो के अम्बार लगे होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है इसीलिए ग्राम पंचायतो के नुमाइंदे अपनी मन-मर्जी से भ्रष्टाचार रूपी गंगा में हाथ धोते हुए निम्न स्तर के निर्माण कार्य को अंजाम देते रहते है।
थांदला जनपद की भामल ग्राम पंचायत में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहा एक सीसी रोड़ 26 सितम्बर को श्री राम मंदिर, बबलू हाउस से नाथू हाउस तक का सीसी रोड स्वीकृत हुआ था, जिसकी लागत 4 लाख 63 हजार रुपए है। उक्त सीसी रोड निर्माण कार्य में गुणवत्ता का कोई ध्यान ही नहीं रखा जा रहा है और सरपंच-सचिव घटिया निर्माण कर के अपना बोलबाला कर रहे है। वही उसी मोहल्ले की कुछ महिलाओं ने बताया कि, इस निर्माण में निम्न स्तर की सीमेंट उपयोग में लाई जा रही है। वही इस सीसी रोड के निर्माण में रेत की जगह चुरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमे काफी धूल मिली हुई है जिसके कारण रोड बनाने के बाद कालला नजर आ रहा है। वहीं इसी मोहल्ले में ग्राम के उपसरपंच भी निवास करते हैं लेकिन उनकी चुप्पी भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं।
जिस दिन कार्य शुरू करा उस दिन थांदला जनपद सीईओ मौके पर पहुंचे थे, उन्होंने भी निर्माण में रेत की जगह चुरी को देखते हुए रोड निर्माण कार्य को मोके पर ही बंद करवाया था लेकिन फिर भी सरपंच-सचिव ने अपनी मनमानी करते हुए निम्न स्तरीय रोड निर्माण कार्य को जारी रखा था जो आज भी सुचारु रूप से जारी है।
आज दोपहर के समय इंजीनियर माइकल डोडिया पहुंचे तो निर्माण कार्य देख कर उन्होंने भी कहा कि, निर्माण कार्य मानक स्तर से निचे का हो रहा है, जिसे तत्काल रोका जा चुका है। इस तरह के निर्मित सीसी रोड कुछ ही दिनों में उखड जाएंगे। जब निर्माण के लिए यहा रेत लाई जाएगी तभी रोड का निर्माण दोबारा शुरू किया जाएगा।
जब भामल पंचायत सचिव दरियावरसिंह माल से संपर्क किया तो उनका कहना है कि, सीसी रोड निर्माण में चुरी का इस्तेमाल किया जा रहा था, रेत आएगी तब कार्य दोबारा शुरू करेंगे।