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मजबूरन जानजोखिम में डालकर कर रहे है रेल पटरी क्राॅस
माही की गूंज, बामनिया
समीपस्थ ग्राम अमरगढ में विगत करीब 5 वर्षो से अधिक समय से रेल्वे द्वारा रेल्वे क्रासिंग गेट बंद कर दिया गया है। जिससे अमरगढ ग्राम के दूसरी ओर बसे ग्रामों तक सीधा सम्पर्क लगभग बंद सा हो गया है। रेल्वे पटरी के दूसरी ओर बसे लगभग 5 से 7 ग्रामों के ग्रामीणों को अमरगढ की ओर या अंयत्र आने-जाने के लिए कई किलोमीटर घूमकर आवाजाही करना पड रही है। साथ ही मजबूरी में जानजोखिम में डालकर रेल पटरियां भी क्रास करना पड रही है। वैकल्पिक मार्ग में भी परेशानी भरा होने से ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानियां उठानी पड रही है। आम ग्रामीणों की मांग है कि, रेल्वे द्वारा बंद किए गए रेल्वे क्रासिंग गेट को पुनः आरंभ किया जाए या वैकल्पिक मार्ग को आवागमन के अनुरूप बनाया जाए।
हो रही है परेशानी
वैकल्पिक तौर पर रेल पटरियों के नीचे बना हुआ एक नाला है जिसमें असमतल मार्ग बना हुआ है जिसमें से बैलगाडी, टैक्ट्रर आदि बडे वाहनों की निकासी संभव नहीं हो पाती है। पैदल और दो पहिया वाहनों के लिए भी यह मार्ग दुविधा भरा होता है, क्योंकि इस मार्ग में पाईप लाईन से होने वाले पानी की निकासी के कारण अक्सर पानी भरा रहता है। ऐसे में उबड-खाबड और कीचड भरे मार्ग पर बमुशकिल आवाजाही हो पाती है। बारिश के समय तो यह वैकल्पिक मार्ग लगभग बंद ही हो जाता है। स्कूली विघार्थियों को भी विद्यालय के लिए जानजोखिम में डालकर रेल पटरियां क्रास करना पडती है।
ग्रामीण राधेश्याम शर्मा, देवीलाल बसेर, सत्यनारायण सिंगाड, प्रवीण पाटीदार आदि ने बताया कि, रेल्वे स्टेशन के दूसरी छोर बसे ग्रामों में आवाजाही में काफी परेशानी होती है, वाहनों को कई किलोमीटर लम्बा चक्कर लगाकर आवाजाही करना पडती है। रेल्वे क्रासिंग गेट को पुनः आरंभ किया जाना चाहिए जिसका लाभ हजारों ग्रामीणों को मिल सकेगा। तत्कालिक रूप से रेल्वे को नाले वाले मार्ग को दुरूस्तीकरण भी करना चाहिए जिससे पैदल यात्री और छोटे वाहनों को आवागमन में आसानी हो सके। क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा लगातार रेल्वे क्रासिंग गेट को पुनः आरंभ किए जाने हेतु संबंधित विभाग से प्रयास किए है किन्तु रेल्वे आम लोगों की इस बडी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है। सरपंच श्रीमती धुलीबाई बिलवाल एवं उपसरपंच नानालाल पाटीदार ने बताया कि, ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर गत वर्ष भी रेल मण्डल प्रबन्धक को आवेदन पत्र दिया गया था किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है एवं ग्रामीणों की परेशानी यथावत बनी हुई है। डीआरएम रतलाम विनीत कुमार गुप्ता का कहना हैै कि, रेेलवे क्रासिंग गेट को पुनः आरंभ किए जाने की मांग से आपने अवगत करवाया है, किन्तु गेट एक बार बंद होने के बाद पुनः चालू किए जाने की प्रक्रिया जटिल है। फिलहाल मैं वैकल्पिक व्यवस्था क्या हो सकती है उसे तत्काल ही करवाता हूं।
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