माही की गूंज, खवासा
खवासा में पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्र का सुप्रसिद्ध श्री महावीर मवेशी मेला नहीं लग रहा था, उसकी जगह केवल एक दिवसीय तेजाजी का मेला लगता आ रहा था, लेकिन कोविड-19 की महामारी के चलते स्थानीय पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित कर इस एक दिवसीय मेले को भी स्थगित करने का निर्णय लिया था। जिसके चलते पुलिस ने एक दिन पूर्व क्षेत्र में तेजा दशमी का मेला स्थगित करने और बाजार में अनावश्यक भीड़-भाड़ न करने की अपील की थी, जिसके चलते खवासा में तेजा दशमी का मेला नहीं लगा, लेकिन परंपरा अनुसार तेजाजी का चल समारोह ग्राम के प्रमुख मार्गो से होकर कोविड-19 के सुरक्षा नियमों के तहत निकला, जिसमें तेजाजी के अंशधारी हीरालाल जाट, नंदलाल भालोड सहित श्रद्धालु शामिल हुए। मान्यतानुसार वर्ष भर जहरीले जंतु के काटने पर तेजाजी के नाम से धागा बांधा जाता है, जिसे स्थानीय भाषा में तांती कहा जाता है, जिससे जहर शरीर में नहीं फैलता है और तेजा दशमी के दिन मन्नत पूरी कर इष्टधारी द्वारा वह तांती खोली जाती है।
इस बार मेला नहीं गिरने से स्थानीय व्यापारी सहित बाहर से आने वाले व्यापारियों को निराशा हाथ लगी, मार्च से जनता कर्फ्यू के बाद से व्यापार, धंधा अपेक्षित नहीं चलने से व्यापार जगत में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है, व्यापारियों को उम्मीद थी कि तेजा दशमी के मेले में व्यापार अच्छा चलेगा लेकिन महामारी कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है, जिससे लोगों में बीमारी का भय तो है ही साथ में व्यापार की चिंताएं भी सताने लगी है।