माही की गूंज, खच्चरटोडी
सरकार एक गांव से दुसरे गांव को जोडने के लिए ग्राम सम्पर्क सड़क योजना के तहत सुदूर सड़के बनवाती है। ताकी गांवो की कनेक्टिविटी परिवहन की दृष्टि से काफी सुगम हो। लेकिन इसके उलट मेघनगर जनपद की ग्राम पंचायत खच्चरटोडी में आधी अधूरी पडी सुदुर सड़क ग्रामीणों के लिये मुसीबत ओर परेशानी का कारण बन गई। दरअसल रूरल कनेक्टिविटी के लिये शासन ने मनरेगा के तहत फत्ताटोडी गांव से खमतलाई तालाब तक सुदूर सड़क स्वीकृत की। मार्च से इस सड़़क का काम चालु होना था लेकिन वैश्विक कोरोना महामारी के कारण संपुर्ण लॉकडाउन लगा इससे मनरेगा का काम ठप पड गया था । जिले में 20 अप्रैल से मनरेगा के कार्य प्रारंभ हुए । इस सड़क को भी चालु किया गया था । लेकिन ग्रामवासियों द्वारा चोडी सड़क की मांग की गई। पंचायत ने काम बंद कर दिया। ग्रामवासियों की मांग पर पंचायत ने सीमांकन के लिये तहसील में आवेदन दिया । पंचायत ने आवेदन प्रक्रिया में करीबन 1 माह गुजार दिया । पटवारी गिरदावर जुन माह में सीमांकन के लिये आये लेकिन विवाद होने पर आधा-अधूरा माप कर चले गये। वर्तमान में बारिश होने के कारण सड़क पर बिछाई गई मिट्टीयुक्त मुरम कीचड़ में तब्दील हो गई। अब इस रास्ते से पैदल निकलना भी ग्रामीणों के लिये मुश्किल हो गया है।
पंचायत पर लापरवाही का आरोप
ग्रामवासियों का आरोप है कि, पंचायत ने इस सड़क बनाने मे काफी लापरवाही ओर अनियनिताएं की। पंचायत यदि गंभीरता से लेती तो सड़क का काम पुरा हो जाता है। वही विवाद जहा पर था वही काम बंद करना था, लेकिन पुरी सड़क अधुरी छोड दी। पंचायत की इस लापरवाही के कारण हम इस समस्या से जुझ रहे है। वर्तमान में कीचड़ मे तब्दील हुए सड़क पर भी कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। रास्ते से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि, इस रास्ते से होकर हम पानी लेने ओर खेत पर जाते है।