माही की गूंज, थांदला।
कैथोलिक डायसिस के थांदला चर्च में ख्रीस्त राजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। पर्व के दौरान मिस्सा पूजा समारोह नवापाड़ा कस्बा में मईड़ा परिवार प्रांगण रखा गया। जहां प्रथम परम प्रसाद ग्रहण करने वाले 96 कैथोलिक बालक बालिकाओं को प्रथम परम प्रसाद दिया गया। बालक-बालिकाओं के साथ उनके माता-पिता भी उपस्थित रहे। मिस्सा पूजा के मुख्य याजक थांदला पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित फादर असीम मिंज थे। उन्होंने ख्रीस्त राजा पर्व पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित समाज जनों को बताया कि, प्रभु यीशु इस दुनिया में मनुष्यों के उद्धार के लिए आए। वे इस संसार के राजाओं जैसे नहीं लेकिन वे प्रेम शांति के राज्य की स्थापना के लिए आए और गरीब असहाय पीड़ितों की सहायता कर अपने शिष्यों को भी वैसा ही बर्ताव के लिए आज्ञा दी। जब प्रभु यीशु से पूछा गया क्या तुम राजा हो तो उन्होंने कहा हां मै रजा हूं पर इस संसार का नहीं। यदि मेरा राज्य इसंसर का होता तो मेरे सिपाही लड़ते और इनके हाथों नहीं पड़ने देते। प्रथम परम प्रसाद लेने वाले बच्चों से कहा कि, वे नम्रता में रहकर प्रार्थना और अच्छे आचरण द्वारा सच्चे ख्रीस्त राजा के अनुयायि बने। जुलूस नवापाड़ा कस्बा से संत फ्लोरा स्कूल होते हुए चर्च मोहल्ला होकर मिशन चर्च परिसर पहुंचा जहां अंतिम आशीष हुई। मिस्सा में फादर असीम मिंज के साथ पल्ली पुरोहित फादर पीटर कटारा फादर लुकास डामोर ने भी भाग लिया। समारोह को सफल बनाने में पल्ली पुरोहित फादर पीटर कटारा फादर असीम मिंज फादर लुकास डामोर और पल्ली सचिव राजेंद्र बारिया के मार्ग दर्शन में माता मारिया समिति पल्ली के सदस्यों प्रभु दासी सिस्टर्स संत मैरिज कॉन्वेंट सिस्टर्स नवापाड़ा नवीन संत फ्लोरा स्कूल और नवापाड़ा कस्बा चर्च गली 2 और डूंगरी फलिया के सदस्यों द्वारा मार्ग और वेदी बहुत ही आकर्षक सजाया गया था। परम प्रसाद के बालक बालिकाओं को तैयार करने में सिस्टर सेशमा सिस्टर मंजू मास्टर राजू बारिया मास्टर पूनिया मास्टर विजय सिंगाड़िया का विशेष सहयोग रहा। गायक दल द्वारा सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी गई। समाज जनों में जिन व्यक्तियों या जोड़ों के शादी के 25 और 50 वर्ष पूर्ण कर लिए उन्हें सिल्वर और गोल्डन जुबिली होने पर सम्मानित किए। अंत में फादर पीटर कटारा ने सभी दलों का आभार माना।

