
माही की गूंज, काकनवानी।
वर्ष 2011-12 में शुरू हुई काकनवानी से गुजरात बड़ी अंबाजी पदयात्रा एक बहुत ही छोटे स्तर से पदयात्रा शुरू कर आज 13 वर्ष संपन्न हो चुके है। इस पदयात्रा में सभी वर्ग के सभी समुदाय के व्यक्ति एक साथ मिलकर इस भक्ति मार्ग पर चलते हुए जगत जननी जगदंबा गुजरात अंबाजी धाम पैदल पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं। शनिवार 23 अगस्त को अंबाजी के लिए रवाना हुए यात्रीगण आज संतरामपुर पहुंचे हैं, जहां पर रास्ते में सिंधी समाज के एक परिवार द्वारा एक भव्य भंडारे का आयोजन होता है। जहां सिंधी समाज के उसे परिवार ने काकनवानी एवं दाहोद के पैदल यात्रियों को रोक कर भोजन प्रसादी के लिए आग्रह किया व सभी को प्रेम पूर्वक भोजन प्रसादी वितरण की गई। यह परिवार आपस में सभी मिलकर स्वयं अपने हाथों से भोजन बनाकर यात्रियों को भोजन करवाते हैं। पद यात्रियों का जत्था जब वहां पहुंचा तब भंडारे में काफी भीड़ थी, जिस वजह से भंडारे में भजन न करवाते हुए अपने गृह निवास पर ले जाकर करीब 200 यात्रियों को भोजन स्वयं अपने हाथों से बना कर खिलाया यही होता है मानव धर्म एवं मानव सेवाl