
माही की गूंज, करवड़।
पेटलावद विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम करवड़ में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस शनिवार को बड़े ही धूमधाम उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत टंट्या मामा के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर की। इस आयोजन में समाजजन अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहने निकले उन्होंने लोक नृत्य और लोकगीतों की प्रस्तुति से अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत का परिचय दिया। आदिवासी समुदाय ने अपनी पहचान को मजबूत करने और आने वाली पीडियो को अपनी संस्कृति से परिचित कराया। इस आयोजन में ग्राम के खेल मैदान पर एक विशेष सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में आदिवासी समुदाय के सैकड़ो सदस्यों ने भाग लिया। सभा में स्थानीय समुदाय के बुजुर्गों ने अपनी समृद्धि विरासत और परंपराओं को बनाए रखने के महत्व पर विचार किया। वक्ताओं ने आदिवासी संस्कृति भाषा और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण पर जोर दिया उन्होंने बताया कि, आधुनिकता की दौड़ में अपनी जड़ों से जुड़े रहना बहुत जरूरी है विश्व आदिवासी दिवस पर सुबह से ही उत्सव स्थल पर लोक जुटाना प्रारंभ हो गए थे। इस दौरान जहां भी नजर डालो पारंपरिक वेशभूषा में समाज जनों के करवा नजर आ रहे थे। गुजराती गायक कलाकारों ने गीत संगीत की प्रस्तुति देकर सभी को मोह लिया।
इस आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर कमल सिंह डामोर, इंजीनियर बालू सिंह गामड़, सामाजिक कार्यकर्ता सचिन गामड़ एवं ईश्वर गरवाल रहे। क्षेत्र के वासू मोरी, संदीप सिंगाड, अजय कटारा, खुशल गामड़, राहुल गरवाल, राहुल डाबी, अनिल सोलंकी एवं माही क्षेत्र के आदिवासी जयस परिवार के द्वारा सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सरपंच विकास बाबूलाल गामड़, सूरज गामड़, राजेंद्र रेड्डी, धर्मेंद्र सिंह सोलंकी के द्वारा टंट्या मामा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में पुलिस चौकी प्रभारी प्रहलाद सिंह चुंडावत अपने दलबल के साथ पूरे दिन सुरक्षा एवं ट्रैफिक व्यवस्था संभाली।