
पेटलावद पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर ने मौके पर पहुंचकर बनाया पंचनामा
माही की गूंज, खवासा।
खवासा के नजदीक से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेसवे के पास नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य ठेका पद्धति पर किया जा रहा है। जहां नेशनल हाईवे है, वहां स्मार्ट डिजिटल इंडिया के तहत केबल बिछाने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें करोड़ों की लागत से यह कार्य ठेका पद्धति पर शुरू किया गया है।
माही की गूंज को प्राप्त जानकारी के अनुसार, रतलाम नेशनल हाईवे के अंतर्गत 8 लेन एक्सप्रेसवे पर भी कुछ इसी तरह का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। टिमरवानी से लेकर रतलाम तक ऑप्टिकल फाइबर केबल पीपीपी मॉडल पर बिछाने का ठेका डी. आर. अग्रवाल कंपनी को दिया गया है, जिसमें भामल-बजाना मार्ग पर बने पीडब्ल्यूडी विभाग के सीसी रोड पर ठेकेदार के कर्मचारियों ने बिना परमिशन के रोड के शोल्डर खोद दिए। साथ ही रोड के नीचे से केबल बिछाने का कार्य भी बिना परमिशन के किया जा रहा था।
माही की गूंज को सूचना मिलने पर, तत्काल अधिकारियों को सूचित किया गया। इसके बाद अधिकारियों ने पेटलावद पीडब्ल्यूडी विभाग से सब इंजीनियर आरती बघेल एवं खवासा पुलिस चौकी का बल मौके पर भेजा। जहां डी. आर. अग्रवाल कंपनी के कर्मचारियों से बिना परमिशन के कार्य करने की पूछताछ की गई तथा मौके पर पंचनामा बनाया गया। वहीं, कर्मचारियों में जो सुपरवाइजर था, उसने एनएचएआई का लेटर दिखाया, जबकि यह राज्य सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग का रोड है और इसकी परमिशन अलग से लेना आवश्यक होती है।
बिना परमिशन के रोड की खुदाई नियमों के खिलाफ है, लेकिन यहां यह ठेकेदार लोग धड़ल्ले से राज्य सरकार की सड़क को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन्हें केवल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रोड पर ही खुदाई करने की परमिशन थी। जहां कहीं अगर राज्य सरकार या पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़क आती है, तो उसके लिए इन्हें अलग से परमिशन लेनी होती है – यह विभागीय अधिकारियों का कहना है।
मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग की सब इंजीनियर आरती बघेल से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि हमने मौके पर पंचनामा बनाया है। बिना परमिशन के यह खुदाई कर रहे थे। संबंधित कंपनी के अधिकारियों को तलब किया गया है। जो भी जुर्माना होगा, वह इनसे लिया जाएगा। यह सरकारी सड़क को बिना परमिशन के नहीं खोद सकते। इन्हें विभाग से परमिशन लेनी होती है। हमने इन्हें शोल्डर की भरपाई के लिए कह दिया है। अगर यह फिर भी कार्य करते हैं, तो इनके ऊपर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
मामले में साइड के इंजीनियर रोहित सिंह से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि हमारे पास तो नेशनल हाईवे की परमिशन है। अब अगर कार्य बंद करवा दिया गया है, तो हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवा देंगे और जैसा वह निर्देश देंगे, उसके बाद कार्य शुरू करेंगे।