माही की गूंज, बड़नगर/रुनीजा।
मानसून की बारिश क्षुरुआत होते ही सब्जियों के भाव आसमान छू रहे। बढ़ते सब्जियों के दाम से अमीर के साथ गरीब सबके मुँह का स्वाद बिगड़ रहा है। आम तौर पर 10 से 15 रुपए किलो बिकने वाला आलू 40, 45 रुपए किलो हो गया है। हरी सब्जियां तो आसमान छु रही है गिलकी 80 रुपए किलो, पालक 40 रुपए किलो, टमाटर भी लाल हो गया है। 20 से 25 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर 100 रुपए किलो हो गया है। मिर्ची ने भी आँख में पानी ला दिया है, जो 100 रुपए किलो बिक रही है। कुल मिलाकर सभी सब्जियां महंगी हो गई है व रसोइ का बजट भी बिगाड़ रही है। ये ही नही अब फलो का राजा आम भी महंगाई के चलते आम लोगो से दूर होता जा रहा है। सब्जियां महंगी होने का क्या कारण है, इस संदर्भ माधवपुरा के कृषक सत्यनारायण नागर से चर्चा की गई तो नागर ने बताया कि, अधिकतर किसानों ने गर्मियों में सब्जियां लगाई थी। ताकि अच्छे भाव मिल सके लेकिन गर्मियों में पर्याप्त सब्जी की उत्पादन होने के कारण भाव कम रहा। पर जैसे ही मानसून की बारिश हुई अत्यधिक बारिश के कारण सब्जियों झड़ गई एवं एवं बारिश के कारण परागण भी कम हुआ। जिसकी वजह से सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है और बाजार में सब्जियों की मांग अधिक हो रही है। इस कारण सब्जियों के भाव आसमान को छूने लग गए है।