Friday, 01 ,August 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

राजस्थान की घटना के बाद सक्रिय हुए ग्रामीण, जर्जर स्कूल भवन को लेकर दर्ज करवाई शिकायत | गौ सेवा सर्वोत्तम और परोपकार से बढ़कर कोई पुण्य नहीं होता है- शास्त्री जी | डा. का फर्जी स्थानांतरण आदेश का बड़ा मामला आया सामने | झाबुआ कलेक्टर के साथ हुई यह दुर्घटना सामान्य या षड्यंत्र...? | पुलिस व्यवस्था की खुली पोल, लाखों रुपए के इलेक्ट्रॉनिक सामान की हुए चोरी | उपराष्ट्रपति का इस्तीफाः असंतोष की शुरुआत या स्वास्थ्य का बहाना ...? | भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की गाड़ी से बड़ी दुर्घटना, तीन जख्मी | मातृशक्ति महिला मंडल ने निकाली कावड़ यात्रा | हाउस सेरेमनी व शपथ विधि समारोह संपन्न | बड़े तालाब में डूबने से व्यक्ति की मौत | इरादे तो सैकड़ो बनते हैं बनकर टूट जाते हैं कावड़ वही उठाते हैं जिन्हें भोले बुलाते हैं | महिला एवं बाल विकास मंत्री ने हरिहर आश्रम में पार्थिव शिवलिंग का किया जलाभिषेक | गुजरात की घटना से सबक नहीं लिया तो यहां भी पड़ सकती हैं इंसानी जान खतरे में | सेवानिवृत्त शिक्षक विजयसिंह देवड़ा का आकस्मिक निधन | नशा मुक्ति जागरूकता रैली का आयोजन, निकली गई रैली | आरसीबी की जीत के बाद रजत पाटीदार ने आचार्य देवेंद्र शास्त्री का लिया आशीर्वाद | पीहर पक्ष के साथ लोटी कनक, सुसराल वालो पर करवाया प्रताड़ना का मामला दर्ज | साइलेंट अटैक से काका-भतीजा की एक के बाद एक की हुई मृत्यु | "एक पेड़ मां के नाम" अभियान अंतर्गत पौधारोपण | गूंज असर: थोड़ी ही सही राहत तो मिलेगी, खबर के बाद गड्ढे भरने की रस्म अदायगी करता विभाग |

दरगाह के प्रति आस्था ऐसी की हजारो लोग पहुंचते ही मन्नत लेकर
05, Jul 2024 1 year ago

image

गांव में नही है एक भी मुस्लिम घर, ग्रामीण मिलकर करते है रखरखाव

माही की गूंज, उज्जैन।

           शहर से 25 किमी दूर चंद्रावतीगंज के पास एक गांव है मुंडला सुलेमान। यहां एक दरगाह है, किसी को पता नहीं कि यह दरगाह किसकी है, लेकिन गांव के लोगों की इसके प्रति अगाध आस्था है। लोगों का मानना है कि यहां फरियाद करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

आषाढ़ की अमास्या पर लगता है मेला

             आषाढ़ की अमावस्या पर यहां हजारों लोग पहुंचते हैं। साल में एक बार आषाढ़ की अमावस्या पर यहां हजारों लोग पहुंचते हैं और घर के बाहर बनाया हुआ चूरमा दरगाह पर चढ़ाते हैं। शुक्रवार को यहां मेला लगा और गांव की आबादी से कई गुना ज्यादा लोग यहां मनोकामना लेकर पहुंचे। लोग इसे पीरबाबा की दरगाह कहते हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि वे बचपन से इसे देखते आ रहे हैं। दरगाह पर चूरमा चढ़ाने की परंपरा वर्षों से है। माना जाता है कि मनोकामना पूर्ण होती है।

एक भी घर मुस्लिम का नहीं

           खास बात है कि गांव में एक भी मुस्लिम का घर नहीं है। दरगाह का रखरखाव और पूजन आदि गांव ग्रामवासी ही मिलकर करते हैं। वर्ष में एक बार यह अनूठा आयोजन वर्षों से होता आ रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को ग्राम स्थित श्रीराम मंदिर और हनुमान मंदिर से गाजे-बाजे के साथ चल समारोह निकला। समापन पीरबाबा की दरगाह पर हुआ और चादर चढ़ाने के बाद चूरमे का भोग लगाया।

हर घर में मेहमान

          अन्य जिलों के लोगों की भी आस्था है। हजारों लोग इस आयोजन में सम्मिलित होते हैं। गांव में करीब 125 घर और आबादी 500 से 700 है। शुक्रवार को हर घर में मेहमान थे। इनके भोजन की व्यवस्था भी संबंधितों-रिश्तेदारों और मित्रों के वहां थी। अनूठे आयोजन में 10 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। दिनभर मेले सा आलम था और दरगाह पर पूजन के साथ मन्नत का दौर चलता रहा।



माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |