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पहला चुनाव बनाम अंतिम चुनाव, सहानुभूति लहर या महिला सशक्तिकरण...?
09, May 2024 7 months ago

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माही की गूंज, झाबुआ।

         मई की तपती धूप में चुनाव का माहौल भले ही गर्म न हो लेकिन सूर्य भगवान के तेवर तीव्र है। चुनावी सरगर्मी गांव और फलियां में नहीं दिखाई दे रही है। वहीं आम कार्यकर्ता के साथ ही वोटर केवल 13 तारीख का इंतजार कर रहे है ताकि वह वोट करके अपना फर्ज निभा सके। न कोई चुनावी शोर शराबा है न ही वादों और आश्वासनों की लड़ी है। यह चुनाव केवल शीर्ष स्तर के वादों... गारंटीयो और पार्टी के आधार पर ही लड़ा जा रहा है। यही कारण है कि, इस चुनाव में आम मतदाता के मूड का आकलन करना भी कठिन होता है।

        कस्बाई, इलाकों में जरूर बैठकों का दौर चल रहा है नेताओं के भाषण हो रहे हैं ।इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाना जरूर प्रशासनिक मशीनरी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। पूरा प्रशासनिक अमला इसके लिए जूटा है कि, कैसे भी करके वोटर घर से निकलकर अपने मतदान केंद्र तक पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

 भूरिया बनाम चौहान

        रतलाम संसदीय क्षेत्र पूर्व में झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर अधिकतर समय भूरिया सरनेम के व्यक्ति का ही दबदबा रहा और इस चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे कांतिलाल भूरिया ही है यानी वे विजई रहते हैं तो यह परंपरा आगे बढ़ेगी। लेकिन परिणाम विपरीत रहने पर चौहान सरनेम वाली अनीता नागर सिंह सांसद के रूप में दिल्ली में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगी और राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में शुमार है कई बार सांसद, विधायक, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मतदाताओं के बीच अपना अंतिम चुनाव बतलाकर सहानुभूति के साथ ही अपने पुराने संबंधों के आधार पर अपने लिए वोट मांग रहे हैं वहीं उनके प्रतिद्वंदी अनीता चौहान के लिए यह पहला चुनाव है। हालांकि वे दो बार से जिला पंचायत अध्यक्ष है लेकिन उनका चुनावी अनुभव जिला पंचायत सदस्य तक ही सीमित है, बड़े चुनाव में उनके लिए यह पहला प्रयास है। पूरे क्षेत्र के लिए वे नई प्रत्याशी है इसलिए वो केवल और केवल मोदी की गारंटी पर चुनाव में वोट मांगती नजर आ रही है। वो केवल मोदी के कार्यों के भरोसे और मोदी जी को ही पुनः प्रधानमंत्री बनाने का हवाला देते हुए अपने लिए वोट मांग रही है। अब देखना है कि, आम जनता नए प्रत्याशी को मौका देती है या पुराने अनुभवी को प्राथमिकता...? चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमले भी किये जा रहे हैं लेकिन स्थानीय समस्याओं पर दोनों ही दल मोन है। न भाजपा अपने सांसद की उपलब्धियां का जिक्र कर रही है न ही कोई स्थानीय समस्या के निराकरण का कोई आश्वासन केवल मोदी की गारंटी का ही बोलबाला है। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी पार्टी से ज्यादा व्यक्तिगत संबंधों और कार्यों का हवाला देते नजर आ रहे हैं।

कैसे बढ़ेगा मतदान प्रतिशत

            चुनावो को लेकर प्रशासनिक मशीनरी चुस्त-दुरुस्त है सभी प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण हो चुकी है, प्रशिक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है, दलों का गठन किया जा चुका है, मशीने तैयार कर ली गई है। चुनाव में लगने वाली बसों का अधिग्रहण दिनांक 11 मई से कर लिया जाएगा। मतदान दलों को भेजने के रूट चार्ट बन चुके हैं यानी चुनाव के पूर्व की जाने वाली सारी तैयारी पूर्ण हो चुकी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या मतदान प्रतिशत बढ़ेगा...? सरकारी कवायद तो सत प्रतिशत मतदान की है लेकिन आज तक यह आंकड़ा छूना संभव नहीं हो पाया है। ऐसे में प्रशासन का यह प्रयास है कि, अधिक से अधिक मतदान हो लेकिन कैसे होगा यह यक्ष प्रश्न है तमाम मौसमी स्थितियां प्रतिकूल है। भीषण गर्मी का दौर है, लोग काम की तलाश में पलायन पर है, गांव सुनसान है, ऐसे में मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती है। अभी तक हुए तीन चरणों के चुनाव में मतदान प्रतिशत में हुई गिरावट, प्रशासनिक दावों और उसकी हकीकत की कहानी बयां कर रहा है। ऐसे में रतलाम सीट पर भी मतदान औसत ही रहने की संभावना नजर आ रही है।

 कैसे करें मतदान

         मतदान करना हमारा अधिकार भी है और कर्तव्य भी। एक जागरूक नागरिक की यही पहचान है कि, वो इस लोकतंत्र के उत्सव में उत्साह के  साथ अपनी भागीदारी निभाए। सभी चुने और सही चुने का मूल मंत्र ही देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के साथ ही उसे मजबूत भी बनाता है। आपको मतदाता पर्ची मिल चुकी होगी, जिसमें आपके मतदान केंद्र की जानकारी अंकित है। यानी आपको किस मतदान केंद्र पर कब और किस समय तक मतदान करना है यह सब जानकारी अंकित है। लेकिन केवल इसके आधार पर आप मतदान नहीं कर सकते, इसके लिए आपको अपनी पहचान बताने के लिए अन्य फोटो युक्त पहचान पत्र भी ले जाना होगा। जिसके आधार पर आपकी पहचान सुनिश्चित की जाएगी। चुनाव आयोग ने इसके लिए 12 दस्तावेजों की सूची जारी की है। जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदान पहचान परिचय पत्र (वोटर कार्ड) आदि शामिल है, जिसमें से आप कोई भी एक ले जाकर मतदान कर सकते है।ं आप मतदान केंद्र में सर्वप्रथम मतदान अधिकारी के पास पहुंचेंगे वो आपकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद आपको मतदान अधिकारी के पास पहुंचाएगा। मतदान अधिकारी रजिस्टर में आपका सरल क्रमांक और मतदान क्रमांक अंकित कर आपके हस्ताक्षर लेगा तथा आपके बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर स्याही लगाएगा तथा आपको एक पर्ची जारी करेगा, वह पर्ची लेकर आप मतदान अधिकारी क्रमांक 3 के पास जाएंगे, वो आपसे पर्ची लेकर मशीन द्वारा वोट जारी करेगा, उसके बाद आप मतदान प्रकोष्ठ में जाकर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट कर सकेंगे। इसके लिए आपको अपनी पसंद के उम्मीदवार के साथ वाला बटन दबाना होगा। बटन दबाने के बाद आप विविपेट  मशीन को देखे जिसमें एक लाइट जलेगी और आपने जिस उम्मीदवार को वोट दिया उसका चुनाव निशान दिखाई देगा। 7 सेकंड तक दिखाई देने वाली यही पर्ची स्वतः मशीन में कट कर गिर जाएगी।

        विविपेट मशीन से आप यह सुनिश्चित कर सकते हो कि, आपने वोट जिस प्रत्याशी को दिया उसी प्रत्याशी को आपका वोट गया है। इस प्रकार यह पूरी प्रक्रिया प्रत्येक मतदाता के लिए की जाएगी। चुनाव आयोग ने इस बार 85 वर्ष से अधिक के मतदाताओं को घर से ही वोट देने की सुविधा दी थी और काफी लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाकर अपने घर से मतदान किया है।

        माही की गूंज भी आपसे अनुरोध करता है कि, आप अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।

          सभी चुने... सही चुने... पहले मतदान फिर जलपान



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