तलवार से वार करने वाला व्यक्ति ही निकला मृत तो किस आधार पर फरियादी ने मृत व्यक्ति को भी चश्मदीद बताया हत्यारा...?
माही की गूंज, खवासा।
हमारी न्याय व्यवस्था भी यही कहती है कि, भले ही गुनहगार को सजा नहीं मिले तो एक बार चलेगा लेकिन कोई बेगुनाह को सजा नहीं मिलना चाहिए। 30 अप्रैल मंगलवार रात्रि में रतनाली सरपंच बबली बाई के पति राजू भूरिया की हुई हत्या में भले ही फरियादी बन चश्मदीद व नामजद आरोपीतो को हत्या करना बताया गया है। परंतु आज भी यह हत्या का कारण संदेह के घेरे में ही होकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
उक्त हत्या के बाद 3 मई को कल्याणपुर थाने के अंतर्गत ग्राम भगोर में नेगडी नदी के पास एक अज्ञात महिला का शव पत्थरों से कुचला हुआ मिला था। उक्त महिला की पहचान सतुराबाई पति अपसिंह सिंगाड़िया निवासी बरोड़ के रूप में हुई थी। पुलिस अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच में जुटी और सतूरा बाई का घटना के पूर्व किसके साथ गई थी का सुराग पकड़ा और तीन दिन में ही पुलिस ने महिला के कथित प्रेमी ने लेनदेन के मामले में अक्सर विवाद होने के चलते महिला की हत्या करने का खुलासा किया। लेकिन वहीं दूसरी ओर राजू की हत्या के मामले में कई तरह के संदेहास्पद बात वारदात के पूर्व से लेकर वारदात एवं वारदात के बाद फरियादी द्वारा चश्मदीद चार आरोपितों के नामजद रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी उक्त हत्या की सनसनी वारदात आज भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
लेकिन पुलिस, वारदात का असल खुलासा नहीं कर पाई है। ऐसे में क्षेत्र में संशय बना हुआ है कि, क्या पुलिस पूरे मामले का करेगी खुलासा या फिर अधर में ही रख देगी उक्त वारदात को...?
क्षेत्र वासियों का संशय होना भी सही है क्योंकि कोई भी इस तरह की दुखदायी वारदात जोर, जारु और जमीन के चक्कर में ही होती है लेकिन उक्त वारदात व वारदात के बाद बताया जा रहा कारण महज ही भांजगड़ी प्रथा है। जिले में चलने वाली भांजगड़ी प्रथा का राजू महज एक अगुआ (आगेवान) था न की किसी तरह का व्यक्तिगत विवाद! वहीं राजू की हत्या के पूर्व दिन में चली भांजगडी का मामला यह था कि, रतनाली ग्राम की ही दो लड़कियों की अगवा हो जाने की रिपोर्ट लड़कियों के परिवार ने पुलिस को की थी। दोनों मामलों में पुलिस ने 363 में मामला दर्ज कर पुलिस जांच कर रही थी कि, 30 मई को लड़कियों के परिजन व ग्रामवासी ही जिसमें सरपंच पति राजू भी शामिल था जिसमें दोनों लड़कियों को विपक्षी परिजनों के साथ लेकर चौकी पर आए थे। खवासा की पुलिस, लडकी परिवार के साथ दोनों लड़कियों के बयान करवाने हेतु थांदला ले गई। जहां धारा 161 में अकेले में महिला पुलिस अधिकारी ने बयान लिए। वही 164 में दोनों लड़कियों के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष हुए दोनों लड़कियों ने बयान में स्वैच्छिक रूप से जाना बताया। जिसके उपरांत विपक्षी के विरोध कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। खवासा पुलिस बयान के बाद उनके परिजनों के साथ पुलिस की गाड़ी में ही आए और परिजनों के सुपुर्द लड़कियों को कर दिया।
चारो पक्षों के परिवार व ग्रामवासी के साथ राजू भी भांजगडी निपटाने में था। चल रही भांजगड़ी के दौरान ही चौकी परिसर में ही बैठी दोनों संबंधित लड़कियां सामने पक्ष वालों के साथ बाइक पर बैठकर चली गई। जिसे देख लड़की पक्ष के साथ खासकर राजू जो कि ग्राम का सरपंच पति होने के नाते पुलिस पर दबाव बनाया व आरोप लगाया की पुलिस ने लड़कियों को सामने वाले परिवार के सुपुर्द कर दिया। उक्त बात को लेकर राजू की भी खवासा पुलिस से झड़प हुई। तथा पुलिस भी हरकत में आई और चौकी परिसर से गई लड़कियों की तलाश में पकड़ने हेतु चली गई और कुछ समय बाद दोनों लड़कियों को पुलिस ले भी आई और फिर से दोनों लड़कियों को उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया था। लेकिन चारों पक्षों में मामले में कोई सुलह नहीं होकर अधर में रहा और सब चौकी से बिखर गए। वहीं राजू ने अपने भाई एवं परिचितों के साथ शराब के साथ भोजन भी बजाना मार्ग स्थित एक ढाबे पर किया।
बात यह सामने आई थी कि, थांदला मार्ग स्थित शराब के ठेके से शाम करीब 6 बजे एक शराब का अद्दा राजू ने लिया जिसमें कुछ पैसे भी बाकी किये। वहीं रात 8 बजे करीब एक अन्य व्यक्ति को शराब लेने पुनः उस ठेके पर भेजा और वह भी पैसे बाकी किये। जिसमें फोन पर सेल्समैन या अन्य को थांदला मार्ग पर स्थित स्कूल के आसपास ही एक किसान के खेत में बैठकर शराब पीना बताया लेकिन अब बात सामने आई तो पता चला कि बाजना मार्ग पर स्थित एक ढाबे पर करीब 2 बजे अपने दो-तीन साथियों के साथ राजू शराब पीने गया था। थोड़ी देर बाद पुनः राजू चौकी पर आ गया जिसके बाद करीब 5 बजे 1 किलो मांस बनाने हेतु ढाबा संचालक को दे गया फिर करीब 7 बजे राजू ढाबे पर पहुंचा और कुछ परिचित व भाई परिवार के व्यक्ति भी ढाबे पर पहुंच गए। राजू ने सहजता के साथ सभी का आत्मीय स्वागत के साथ सभी को बिठाया और उनको भी शराब पिलवाई एवं खाने में 1 किलो मांस में ही खुश खुश होकर में अकेला नहीं खाऊंगा सब मिलकर खाएंगे कहकर सभी को खाना खिलाया और सभी ने शराब का सेवन भी लिमिट में ही किया था बताया जा रहा है।
करीब साढ़े 8 बजे बाद सभी अलग-अलग अपनी गाड़ियों से बस स्टैंड की ओर निकले। बस स्टैंड पर भी गांव के लोगों को ज्युस पिलाया, जिसके बाद बच्चों के लिए एक आइसक्रीम की दुकान से आइसक्रीम व कुल्फी लेकर घर जा रहा था की घात लगाए जान या अनजान..? हत्यारो ने थांदला मार्ग पर स्थित एक निजी स्कूल के पास सड़क पर ही धारदार हथियार से गाव व समाज के प्रति अपनी सहानुभूति रखने वाले राजु भूरिया की बेरहमी से हत्या कर दी। उक्त हत्या के बाद वारदात का जो स्वरूप बताया जा रहा ह,ै वह पूर्णतः संशय की स्थिति में हीं है।
बताया गया मुख्य आरोपी चार वर्ष पूर्व ही मर चुका
फरियादियों द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट में राजू की हत्या करने में मुख्य आरोपी जीवणा गामड़ को बताया जा रहा है वही उसे मरे हुए चार-पांच वर्ष हो गए बताया जा रहा है। जबकि रिपोर्ट में बताया गया की मोटरसाइकिल की लाइट में देखा कि, जीवणा गामड़ ने अपने हाथ में तलवार लिए हुए था, जिसने राजू के सिर पर तलवार से जानलेवा वार किया जिससे राजू जमीन पर गिर गया, जिसके बाद जीवणा गामड़ के साथी अनिल गामड़, सोमा गामड़ व महेंद्र गामड़ ने पत्थर उठाकर राजू के सिर पर मारे। फरियादीगण बचाने के लिए गये लेकिन जीवडा सहित चारों ने तलवार व पत्थर लिए मारने दौड़े इस पर फरियादियों ने अपनी जान बचाकर वहां से भागे। जीवणा एवं उसके साथी के जाने के बाद फरियादीगण एवं अन्य व्यक्ति घटनास्थल पहुंचे जहां राजू मृत अवस्था मे पड़ां था। लेकिन दूसरा पहलू यह की तलवार से हमला करने वाला मुख्य व चश्मदित आरोपीत जीवणा को बताया जा रहा है उस जीवणा को मरे कई साल हो चुके है।ं ऐसे में मरा हुआ व्यक्ति चश्मदीद हत्यारा कैसे हो सकता है...?
वही यह भी बताया जा रहा है कि बाकी तीन में एक व्यक्ति राजस्थान में मजदूरी करने गया हुआ था और पुलिस की लोकेशन में भी शायद यही सामने आ रहा है कि एक आरोपित बाहर मजदूरी के लिए ही गया हुआ था। पुलिस ने चश्मदित बताए गये तीन आरोपितों को मंगलवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं जीवणा के मृत होने के दस्तावेजों की जांच करने की बात पुलिस कर रही है। वहीं जीवणा की मृत होने के बात सामने आने पर यही अनुमान लगाया जा रहा है कि, किसी पुराने विवाद में फरियादियों ने राजू की हत्या करने में मृत जीवणा सहित चार आरोपीतो के नाम लिखा दिए है या फिर और कोई रहस्य हो ? जो घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस सामने नहीं ला पाई है । परंतु क्षेत्र में सभी से मिलनसार रखने वाले राजु की हत्या महज एक रहस्य बनकर नहीं रह जाए इसके लिए अब भी क्षेत्र वासी पुलिस से उम्मीद कर रहे हैं कि वह उच्च स्तरीय व वैज्ञानिकों की सहायता के साथ हर एक पहलू पर बारीकी से जांच कर राजू की हत्या का संशय को दूर करें। अगर पुलिस मामले को गम्भीरता से नही लेती है और हत्या के मुख्य कारणो का खुलासा नही करती है तो क्षेत्र में ये ही चर्चा रहेगी की कही असल अपराधी जेल से बाहर है और अन्य अपराध की रचना रच रहा है वही कोई बेगुनाह सलाखो के अंदर है।