एसडीएम भी बोलें इसकी जरूरत नही, अब वे क्या बोलेंगें...?
माही की गूंज, थांदला।
नगर के सीएम राइस व पीएम श्री स्कूल के बाहर सड़क पर एक ट्राले जीजे 05 बीजेड 0918 व बाईक में जबरजस्त भिड़ंत हो गई। जिसमें आंगलियापाड़ा निवासी 19 वर्षीय युवा बबलू भुर्जी गरवाल आगलिया पाड़ा की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के तुरंत बाद वहाँ के लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी है जिसमें वहाँ से नदारद स्पीड ब्रेकर व आसपास की खराब सड़क को कारण माना जा रहा है। आपको बता दे कि, वीगत दिनों एक प्रतिनिधि ने थांदला के इस स्कूली बच्चों व जनता के आवागमन के व्यस्ततम मार्ग व बायपास के चौराहे से हटाए गए गति अवरोधक (स्पीड ब्रेकर) से दुर्घटना की आशंका जताते हुए इन्हें पुनः लगाने को लेकर थांदला एसडीएम, नगर परिषद सीएमओ व दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे के प्रोजेक्ट मैनेजर से सवाल किए थे जिसके जवाब में सबका अलग-अलग राग था।
एसडीएम ने कहा कि, यहाँ स्पीड ब्रेकर इतने जरूरी नही है व नगर के अन्य प्रतिनिधि ही स्पीड ब्रेकर का विरोध कर रहे है। वहीं
सीएमओ ने कहा कि, वे 8 लेन कम्पनी वालों को पत्र लिखेंगें व उन्होंनें हटाये तो उन्हें ही लगाने का बोलेंगें।
प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि, वे यहाँ गति नियंत्रण चिन्ह अंकित कर खाना पूर्ति कर देंगें। लेकिन उक्त चर्चा को एक सप्ताह भी नही हुआ और यहाँ एक परिवार का युवा दीपक बुझ गया। अब उक्त घटना व उससे परिवार में छाई मायूसी की जिम्मेदारी कौन लेगा यह विचारणीय प्रश्न है। यहाँ एक बार फिर यह उल्लेखित करना उचित होगा कि, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस से मध्यप्रदेश सीमा व राजस्थान के कुछ हिस्सों में आवागमन शुरू हो गया है। उक्त 8 लेन से आसान सफर के लिए झाबुआ ज़िलें से अनेकों वाहन इसी सड़क पर दौड़ने लगे है तो राजस्थान व गुजरात अन्तरर्राज्यीय सीमा में प्रवेश के लिए भी वैध अवैध वाहन इसी सड़क से निकलते है। इसी सड़क के किनारों पर स्कूल, नगर परिषद, मंदिर के साथ नागरिकों के लिए वॉकिंग प्लेस तो खिलाड़ियों के लिए प्ले ग्राउंड दशहरा मैदान है जहाँ पर स्पीड ब्रेकर का होना अति आवश्यक हो जाता है। परंतु मुख्यमंत्री के लिए रातोंरात निकालें गए स्पीड ब्रेकर अभी तक नही लगने से इस मार्ग से स्पीड में निकालने वालें वाहनों से हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है जो हकीकत बन गया।