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प्रशासन की दोहरी कार्रवाई स्कूल बाउंड्रीवाल में कर रही विवाद उत्पन्न
गूंज पहल के बाद युवाओं ने दिया धरना, मौके पर अपने दल के साथ पहुंचे एसडीएम बघेल
माही की गूंज खवासा
शा. बा. उ. मा. वि. खवासा की अधूरी पड़ी बाउंड्रीवाल का टेंडर होने के बाद प्रशासन की दोहरी कार्रवाई विवादों को उत्पन्न कर रही है।
माही की गूंज में 23 जुलाई को उक्त बाउंड्रीवाल के मामले को ''ईट भट्टो का अतिक्रमण स्कूल बाउंड्रीवाल में कर रहा है खलल उत्पन्न'' शीर्षक के साथ समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद आज स्कूली छात्रों के साथ कुछ स्थानीय लोगों ने भविष्य को देखते हुए जनहित के लिए स्कूल की पूरी 4 हेक्टेयर भूमि की सीमा कवर करके ही बाउंड्रीवाल बनाने की मांग के साथ ही स्कूल भूमि परिसीमन में जिस किसी का भी अतिक्रमण है उसे हटाने की मांग के साथ स्कूल परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद मौके पर अपने दल के साथ एसडीएम बघेल पहुंचे और युवाओं एवं ग्राम के लोगों से स्कूल बाउंड्रीवाल संबंधी समस्याओं को जानी, तत्पश्चात ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य को देखा।
माही की गूंज प्रतिनिधि ने एसडीएम बघेल से जानकारी चाही कि, युवाओं ने बाउंड्रीवाल कार्य शुरू होने के बाद उक्त भूमि पर अतिक्रमित भूमि को छोड़कर बाउंड्रीवाल ठेकेदार द्वारा बनाए जाने के संबंध में तहसीलदार को शिकायत की थी, पर उस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? जिसपर एसडीएम बघेल ने कहा अभी तक इस मामले व सीमांकन को लेकर कोई शिकायत या जानकारी मेरे पास नहीं आई, अभी मेरे सामने पूरा मामला आया है अब मैं मेरी आंखों के सामने सब काम करवाऊँगा। उक्क्त स्कूल की सर्वे नंबर 1257/2 की 4 हेक्टेयर भूमि है, जिसका एक टीम बनाकर जल्द ही सीमांकन करवाया जाएगा और पूरी भूमि की सीमा में ही स्कूल की बाउंड्रीवाल बनवाई जाएगी। सीमांकन होने तक ठेकेदार को कार्य रोकने हेतु निर्देशित किया।
गूंज को एसडीएम द्वारा कही गई बात, आज तक उक्त स्कूल भूमि संबंधित कोई मामला या सीमांकन की बात अभी तक उनके सामने नहीं आई की वास्तविकता को खंगाला तो, एसडीएम साहब पूर्णतः अपनी दोहरी कार्रवाई के साथ झूठे ही साबित हुए हैं। बता दें कि, 20 फरवरी को थांदला के रमेश वसुनिया के नाम से उक्त अधूरी बाउंड्रीवाल बनाने का टेंडर हुआ, ठेकेदार रमेश वसुनिया लिखित दस्तावेज के साथ शाला प्राचार्य को स्कूल की बाउंड्रीवाल उसके द्वारा बनाई जाएगी का प्रमाण दिया।
प्राचार्य द्वारा सीमांकन करवाने के बाद बाउंड्रीवाल बनवाने की बात ठेकेदार को कहीं, तत्पश्चात शाला के प्रभारी प्राचार्य ने 11 मार्च को लोक सेवा एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व थांदला के नाम उक्त भूमि का सीमांकन करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। थांदला एसडीएम की कार्रवाई के साथ ही कलेक्टर झाबुआ के निर्देशन में 18 मार्च को राजस्व निरीक्षक व पटवारी ने भूमि का सीमांकन किया, जिसमें कुछ ईट भट्टे के आगे तक स्कूल भूमि की सीमांकन में आई भूमि जहां चूना भी डालकर निशानदेही की गई थी, लेकिन अतिक्रमणकर्ता के प्रभाव के साथ ठेकेदार ने अतिक्रमण को यथावत रखते हुए अतिक्रमित भूमि को छोड़ आनन-फानन में गड्डे खोद अपने घटिया कार्य के साथ कालम खड़े कर बाउंड्रीवाल बनाई जा रही थी। मामला गूंज के सामने आने के बाद मामले को प्रकाशित किया, पूरे मामले में प्रशासन की कार्रवाई आम लोगों को गुमराह कर दोहरी कार्रवाई का कृत्य ही सामने आ रहा है, जो प्रभारी प्राचार्य द्वारा एसडीएम को ही आवेदन देकर सीमांकन करवाया गया, वही साहब कह रहे हैं मेरे सामने यह मामला ही नहीं आया और तहसीलदार को की गई शिकायत पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को संरक्षण देकर खुद भी झूठे साबित कर ''चोर को कह रहे है चोरी कर ओर साहूकार को कह रहे है तू जागता रे'' की कहावत को भी चरितार्थ कर रहे हैं। खेर अब आगे यह देखना है की साहब अपने नए निर्देशो के साथ स्कूल बाउंड्रीवाल का यह कार्य किस दिशा में करवाते है।
प्राचार्य द्वारा सीमांकन करवाने के बाद बाउंड्रीवाल बनवाने की बात ठेकेदार को कहीं, तत्पश्चात शाला के प्रभारी प्राचार्य ने 11 मार्च को लोक सेवा एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व थांदला के नाम उक्त भूमि का सीमांकन करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। थांदला एसडीएम की कार्रवाई के साथ ही कलेक्टर झाबुआ के निर्देशन में 18 मार्च को राजस्व निरीक्षक व पटवारी ने भूमि का सीमांकन किया, जिसमें कुछ ईट भट्टे के आगे तक स्कूल भूमि की सीमांकन में आई भूमि जहां चूना भी डालकर निशानदेही की गई थी, लेकिन अतिक्रमणकर्ता के प्रभाव के साथ ठेकेदार ने अतिक्रमण को यथावत रखते हुए अतिक्रमित भूमि को छोड़ आनन-फानन में गड्डे खोद अपने घटिया कार्य के साथ कालम खड़े कर बाउंड्रीवाल बनाई जा रही थी। मामला गूंज के सामने आने के बाद मामले को प्रकाशित किया, पूरे मामले में प्रशासन की कार्रवाई आम लोगों को गुमराह कर दोहरी कार्रवाई का कृत्य ही सामने आ रहा है, जो प्रभारी प्राचार्य द्वारा एसडीएम को ही आवेदन देकर सीमांकन करवाया गया, वही साहब कह रहे हैं मेरे सामने यह मामला ही नहीं आया और तहसीलदार को की गई शिकायत पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को संरक्षण देकर खुद भी झूठे साबित कर ''चोर को कह रहे है चोरी कर ओर साहूकार को कह रहे है तू जागता रे'' की कहावत को भी चरितार्थ कर रहे हैं। खेर अब आगे यह देखना है की साहब अपने नए निर्देशो के साथ स्कूल बाउंड्रीवाल का यह कार्य किस दिशा में करवाते है।