माही की गूंज, थांदला।
रमजान मुबारक वो पाक महिना है जो सिधे अपने परवर दिगार से हर किसी की लो लगाता है। रमजान शुरु होते ही हर कोई रब की इबादत मे मशगुल हो जाता है। इस महिने मे तीस दिन होते है तीस त्राहवी, तीस कलामपाक के पारे ओर तीस रोजे होते है। जिसको सभी अमल मे लाकर इनका एहतराम करते है। रमजान को पाक और अल्लाह की इबादत का महीना कहा जाता है इस पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। यह मुबारक महीना 11 मार्च को चांद दिखने से शुरू हुआ और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पहला रोजा 12 मार्च मंगलवार को रखा।
रमजान माह में छोटी उम्र के बच्चों मैं भी रोजे रखने का उत्साह देखा जा रहा है। चिलचिलाती धूप व तेज गर्मी के बाद भी बच्चे रोजा रखने में पीछे नहीं रह रहे हैं। 10 वर्षीय जियान खान ने गुरुवार को पहला रोजा रखने के साथ ही उसने इबादत भी की। दोपहर बाद कमजोरी आने के बाद भी इबादत जारी रखी। नगर के मुस्लिम गली नंबर 5 स्थित जमील अहमद के सुपुत्र है। जियान बचपन से ही होनहार जियान ने 10 वर्ष की कम उम्र में ही इस्लामी किताब पड़ी है।
वहीं 8 वर्षीय मोहम्मद फैज शाहिद खान ने भी अपने जीवन का पहला रोजा रखा। बालक मोहम्मद फैज खान धार्मिक प्रवृत्ति के हैं तथा वे प्रतिदिन अपने पिता व दादा मोहम्मद ताहिर खान के साथ मस्जिद में नमाज पढऩे जाते हैं। फैज ने गुरुवार को सुबह 5.15 बजे सेहरी की तथा दिनभर खुदा की इबादत में बिताया तथा मगरीब के वक्त अफ्तारी के समय अपना रोजा खोला। नन्हें बालकों की हौसला अफजाई के लिए समाजजनों ने फूलमाला पहनाकर बच्चे की प्रशंसा की है।