पेटलावद थाना क्षेत्र में फिर धराया अवैध शराब से भरा वाहन
सोया रहता है आबकारी विभाग, आरोपी हो जाते है फरार
माही की गूंज, पेटलावद/बामनिया।
तू डाल-डाल तो में पात-पात की तर्ज किसी सीरियल क्राइम की तरह जिले में अवैध शराब से भरे चार पहिया वाहन (कारे) पकड़ी जा रही है। पुलिस एक मामले की तह तक पहुँचती भी नही की दूसरा मामला सामने आ जाता है। सबसे अधिक अवैध शराब पेटलावद विकास खण्ड में पकड़ी जा रही है। पेटलावद थाना, सारंगी चौकी, रायपुरिया थाना, बामनिया चौकी में अलग-अलग मामले पिछले 6-8 माह में दर्ज हो चुके है। पिछले 8 दिन में ये पाँचवा वाहन पुलिस ने पकड़ा है। जिसमे थांदला में एक, पेटलावद में तीन ओर बामनिया में एक वाहन पकड़ा गया। बामनिया चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अशोक बघेल द्वारा मुखबीर की सूचना पर ग्राम चित्तोडीरूण्डी के आगे बामनिया-रतलाम रोड पर एक हुंडाई (बेल्टोला) कम्पनी की सफेद रंग की कार क्रमांक डब्लूबी 07 जे 2093 को घेराबंदी कर पकडते उक्त कार का चालक अपनी कार को छोडकर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया व उक्त कार को उक्त कार में कुल 564 बल्क लीटर किमती 1 लाख 35 हजार 360 रूपए तथा एक कार किमती 7 लाख रुपए की जप्त कर अपराध क्रमांक 150/2024 धारा 34(2), 46 आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध किया गया।
सो रहा आबकारी विभाग
वैसे तो अवैध शराब को पकड़ने के लिए पूरा के पूरा आबकारी विभाग बनाया हुआ है लेकिन आबकारी विभाग खुलम खुला स्थानीय ठेकेदारों की चमचागिरी में ही व्यस्त रहता है। यहां तक कि मुखबिर की सूचना भी आबकारी तक नही जाती क्योकि अवैध शराब की सूचना आती ही विभाग के जिम्मेदार सबसे पहले स्थानीय ठेकेदार ओर उसके गुर्गों से सम्पर्क करते है जिसके चलते अवैध शराब की हेरा-फेरी करने वालो तक खबर पहुँच जाती है। पिछले दिनों में पकड़ी गई शराब पुलिस के द्वारा पकड़ी गई है। जिससे प्रतीत होता है आबकारी बैठे बैठे शासन बंदी और शराब ठेकेदारों की बंदी खा रही है।
ज्यादातर मामलों में आरोपी हो रहे फरार
इधर पुलिस को मुखबरी के जरिये सूचना तो मिल रही है पर ज्यादातर मामलों में आरोपी फरार बताये जाते है। अगर वाहन के ड्राइवर पकड़े भी जाते है तो साथी फरार बता दिए जाते है। शराब का धंदा क्षेत्र में पूरे परवान पर है और अवैध शराब पकड़ी भी जा रही है। लेकिन नही पकड़े जा रहे है तो इस धंदे के कर्ता-धर्ता जो इस नुकसानी की वसूली के लिए ओर बड़े स्तर पर अवैध शराब का व्यापार करते है।