बावड़ी मंदिर पर सतत् 40 वर्ष से मनाया जा रहा भगवान का प्राकट्य उत्सव
माही की गूंज, थांदला।
अखिल विश्व के रचियता, निर्माण और सृजन के देवता भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती थांदला में पंचाल समाज ने धूमधाम से मनाई। गुरूवार सुबह से समाजजन बावड़ी मंदिर स्थित भगवान विश्वकर्मा के पूजन हेतु एकत्रित हुए। पूजन का लाभ सचिन मनोज पंचाल परिवार ने लिया। विशेष साज-सज्जा कर मंदिर परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया। पूजन के बाद रथ में सवार होकर भगवान विश्वकर्मा नगर भ्रमण पर निकले। शोभायात्रा की शुरूआत बावड़ी मंदिर से हुई। शोभायात्रा में भगवान के रथ में बैठने व चंवर ढुलाने का लाभ मांगीलाल पंचाल परिवार ने लिया। शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्ग से होती हई पुन: बावड़ी मंदिर पर समाप्त हुई। जिसका पीपली चौराहे पर पार्षद राजू धानक मित्रमंडल ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में सभी समाजजन एक जैसा वेशभूषा में शामिल हुए। महिलाएं लाल रंग के परिधान और पुरूषों ने सफेद वस्त्र धारण किए थे। मंदिर में दोपहर 3 बजे से विश्वकर्मा जी की कथा के बाद महाआरती का आयोजन हुआ। आरती का लाभ राहुल सुजानमल पंचाल ने सपत्निक लिया। जिसके बाद समस्त समाजजनों का सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।
पंचाल विकास मंच के जिलाध्यक्ष जगदीश पंचाल ने बताया कि, 20 फरवरी 1984 के दिन बावड़ी मंदिर पर भगवान विश्वकर्मा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। जिसके बाद से लगातार पंचाल समाज द्वारा प्रत्येक वर्ष प्राक्ट्य उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार सतत 40 वर्षों से भगवान विश्वकर्मा जी का जन्मोत्सव पंचाल समाज द्वारा मनाया जा रहा है।
सभी कार्यक्रमों में समाज के वरिष्ठ जयंतीलाल पंचाल, मांगीलाल पंचाल, राजेन्द्र पंचाल, संजय पंचाल, अल्केश पंचाल, मुकेश पंचाल, दिलीप पंचाल, महेश पंचाल, संदीप पंचाल (परवलिया), पवन पंचाल, प्रभुलाल सुतार सहित समाज के नवयुवक संदीप पंचाल, राहुल पंचाल, दुर्गेश पंचाल, योगेश पंचाल, मनोज पंचाल सहित बड़ी संख्या में समाज जन शामिल हुए। इस दौरान समाज के युवा ट्रेफिक और स्वच्छता को लेकर सक्रिय दिखाई दिए।