बर्फ फेक्ट्री की आढ़ में अवैध कारोबार करने वाला देवेन्द्र भानपुरिया।
तुषार इंडस्ट्रीज का प्रो. देवेंद्र भानपुरिया सोशल मीडिया पर पुष्टि करता है कि एक नंबर में ही तीन लाख कमाता हु तो ढाबे व शराब का अलग से कितना होगा मुनाफा ?
सोशल मीडिया पर देवेंद्र भानपुरिया खुले आम एसपी तक को समझ रहा है अपने पैरो की जूती
माही की गूंज, संजय भटेवरा।
झाबुआ जिले में गांव-गांव में घरों एवं ढाबो पर अवैध शराब के अड्डे संचालित हो रहे हैं और यह अवैध शराब का कारोबार प्रशासनिक संरक्षण के ही चलता है यह सही भी है। वहीं जिले में ढाबो और घरों में शराब का अवैध कारोबार करने वाले भी अब एसपी तक को अपने पैरों की जूती समझने लगे हैं। ऐसे में बड़े माफियाओं के आगे तो प्रशासनिक किसी भी बड़े अधिकारियों की हैसियत उनके सामने नहीं होगी यह कहा जाता है।
आज हम जिले के मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र की बात करें तो, यहां भी औद्योगिक विभाग से लीज पर ली हुई जमीन जिस पर यह एग्रीमेंट जरूर होता होगा कि, जिस उद्योग के लिए लीज पर जमीन आवंटित करवाई गई है, वहीं उद्योग का कारोबार लीज पर ली हुई जमीन पर किया जा सकता है। साथ ही यह भी होगा कि बताए गए उद्योग हेतु उक्त लीज पर ली हुई जमीन पर किसी प्रकार का अन्य उद्योग या किसी प्रकार का भी अवैध कारोबार या अवैध गतिविधि लीज में ली हुई शासकीय जमीन पर नहीं किया जा सकता है। तथा ऐसा होने पर कार्रवाई के साथ उद्योग को सीज करने के साथ लीज भी खारिज करने के प्रावधान है। इसके बावजूद अगर कोई अन्य उद्योग या अवैध कारोबार खुले आम लीज पर ली हुई शासकीय जमीन पर करता है तो यही माना जाएगा कि यह अवैध कारोबार औद्योगिक विभाग के उच्च अधिकारियों तक साठ-गांठ के साथ स्थानीय पुलिस व आबकारी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से साठ-गांठ के साथ ही अवैध कारोबार संचालित हो सकता है।
हम बात करें मेघनगर ,थांदला मुख्य मार्ग पर स्थित मेघनगर में तुषार इंडस्ट्रीज की तो, इसके प्रो. देवेंद्र भानपुरिया ने 30 साल के लिए औद्योगिक विभाग से आईस प्लांट हेतु शासकीय जमीन लीज़ पर ली है। लेकिन आइस प्लांट की आड़ में लीज पर ली हुई जमीन पर खुलेआम मांसाहारी ढाबा व ढाबे पर शराब भी परोसी जाती है। उक्त तुषार इंडस्ट्रीज मेघनगर में थांदला मुख्य मार्ग पर स्थित है। यहां समय-समय पर औद्योगिक विभाग के अधिकारी भी निरीक्षण के लिए आते हैं। लेकिन देवेंद्र भानपुरिया इतना शातिर है कि, वह अधिकारियों को लिफाफे देकर और बर्फ का ठंडा पानी पिलाकर उन्हें पूरी तरह से ठंडा कर रवाना कर देता है। तथा अपना आईस प्लांट की आड़ में बिना परमिशन के अवैध ढाबा संचालन करने के साथ देर रात तक अवैध शराब परोसकर अवैध गतिविधि संचालित कर रहा है।
इतना ही नहीं उक्त मुख्य मार्ग से होते हुए प्रतिदिन पूरा प्रशासनिक अमला आता-जाता है। यहां तक की एसपी, कलेक्टर के वाहन भी गुजरते हैं लेकिन आईस प्लांट की आड़ में चल रहे अवैध रूप से मांसाहारी ढाबा एवं अवैध रूप से परोसी जा रही शराब के कारोबार को देखकर भी अनदेखी की जा रही है।
स्वयं देवेंद्र ही कहता है एक नंबर में ही तीन लाख तक कमाता हूं तो वह अवैध रूप से दोगुना राशि कमाता होगा
सबसे बड़ी बात यह है कि, जो व्यक्ति एसपी तक को अपने पैरों की जूती समझकर एसपी के संबंध में सोशल मीडिया पर कहता है कि, कोई अपनी मां का दूध पीकर फोन लगा दे और मेरा धंधा कोई बंद करवा दे तो मैं जानू । कहकर खुलेआम प्रशासनिक साठ-गाँठ के चलते अपना प्रभाव प्रदर्शित किया जा रहा है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर यह भी पुष्टि कर रहा है कि, मैं मेरी फैक्ट्री से एक नंबर में विथ जीएसटी भरकर सूखे 2 से 3 लाख रूपये प्रति माह कमाता हूं। जिसका आशय यह स्पष्ट है की फैक्ट्री से 3 लाख तक कमाता है तो हो सकता है उससें दोगुना तक लीज की जमीन पर अवैध रूप से संचालित मांसाहारी ढाबा एवं अवैध शराब से कमाता होगा, यह तय है। जिसके चलते ही सोशल मीडिया पर अपना प्रभाव दिखाकर खुलेआम अपनी दादागिरी दिखाकर कहता है कि, कोई एसपी को फोन कर मेरे धंधे को बंद कर दे तो मैं जानू कि उसने उसकी मां का दूध पिया होगा। तय है लीज की जमीन पर फैक्ट्री से एक नंबर में 3 लाख रुपये तक व अवैध कारोबार में उस से प्रतिमाह दो गुना से ज्यादा कमाता होगा और उस अवैध कमाई की राशि का बड़ा हिस्सा प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस को देता ही होगा या फिर किसी बड़े राजनीतिक प्रभाव के साथ अपना अवैध कारोबार देवेंद्र भानपुरिया संचालित कर रहा है। तभी वह कह रहा है कि, जो मेरा अवेध धंधा बंद करवाए तो मैं उसे जानू।
टैक्स की भी चोरी करता होगा शातिर देवेंद्र
स्वयं जब देवेंद्र भानपुरिया ही एक नंबर में 3 लाख रुपये तक विथ जीएसटी पै करने के साथ प्रतिमाह अपनी कमाई होना बता रहा है तो वह उसके बाद कितना कमाता होगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है पर हम सिर्फ देवेंद्र भानपुरिया द्वारा ही प्रतिमाह 3 लाख रुपये तक की कमाई वह करता है पुष्टि की है। उसी पुष्टि की बात करें तो 1 वर्ष में 36 लाख रुपए की इनकम वह अर्जित करता है बाकी अवैध रूप से की जा रही कमाई अलग है। ऐसे में एक नंबर से ही 36 लाख रुपए की इनकम पर इनकम टैक्स 10 लाख 40 हजार के करीब ब्याज के साथ इनकम टैक्स विभाग को भरना होता है। ऐसे में जिस तरह से देवेंद्र भानपुरिया लीज की शासकीय भूमि पर अपने अर्थ व राजनीतिक प्रभाव से बिना परमिशन के अवैध रूप से मांसाहारी ढाबा संचालित करता है व अवैध शराब विक्रय करता है तो इनकम टैक्स विभाग को अपने शातिराना दिमाग के चलते एक नंबर की उसके द्वारा बताई जा रही कमाई में से नाम मात्र की कमाई बताकर टैक्स चोरी भी करता होगा यह तय है। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग को भी उसकी कमाई का सर्वे कर पूरा टैक्स विभाग को भरवाना चाहिए ।
वही आगे यह देखने वाली बात होगी कि, क्या औद्योगिक विभाग बिना परमिशन के लिज पर दी हुई जमीन पर संचालित हो रहा अवैध मांसाहारी ढाबा व अवैध रूप से बिक्री की जा रही शराब के चलते लीज खारिज करता है या और कोई कारवाई। वहीं अवैध शराब बिक्री के साथ सोशल मीडिया पर देवेंद्र भानपुरिया की दादागिरी को देखते हुए पुलिस व आबकारी विभाग कोई ठोस कार्रवाई करती है या फिर देवेंद्र का अर्थ व राजनीतिक प्रभाव के चलते उक्त अवैध मांसाहारी ढाबा व अवैध शराब विक्रय सुचारू रूप से संचालित रहता है यह देखने की बात रहेगी।
वही माही की गूंज के पास पूरा प्रूफ है कि, देवेंद्र भानपुरिया एक नंबर में कितना पैसा कमाता है और जिले के एसपी तक को अपने पैर की जूती मानता है। इनकम टैक्स या पुलिस को देवेंद्र भानपुरिया के द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पुष्टि माही की गूंज के पास है वह उनके मांगने पर दे सकते हैं।
लिज पर ली हुई शा.भूमी पर बर्फ फेक्ट्री की आड़ में देवेन्द्र चला रहा मांसाहारी ढाबा व बैच रहा अवैध शराब।