
माही की गूंज, पेटलावद।
प्रदेश के नए मुखिया डॉक्टर मौहन यादव के आदेश पर एक बार भी जनपद स्तर पर जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू हुवा और शासन की योजनाओं से लेकर कई परेशानियों को लेकर लोग इस उम्मीद से जनसुनवाई कार्यक्रम में आते ह की यहाँ से उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो जाएगा लेकिन यहां आने वाले आवेदन भी अधिकारी एक कागज का टुकड़ा बना कर छोड़ देता है ओर उसका निराकरण नही किया जाता। विकास खण्ड के एसडीएम साहब खुद अपने नेतत्व में जनसुनवाई कार्यक्रम हर मंगलवार को आयोजित कर शिकायतों के निराकरण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते है बाद में इन शिकायतों का वही हाल होता है जो उस विभाग में की गई शिकायतों का होता है। मामला सीएम राइज स्कूल पेटलावद में हुई फर्जी भर्ती का है जब अतिथि शिक्षक पद के लिए बाली भारद्वाज नाम की महिला ने वर्ष 20-21 और 21-22 के लिए अतिथि शिक्षक पद के लिए आवेदन किया और उनका चयन नही हुआ । जिस महिला का चयन हुवा जब उसके द्वारा पद भर्ती हेतु प्रस्तुत दस्तावेजो कि जानकारी सूचना अधिकार में निकाली तो पता चला कि उक्त महिला एक ओर स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में अन्य संस्था में कार्यरत थी और उसी दौरान नियमित रूप से बीएड की पढ़ाई भी कर रही हैं । पूरा मामला सामने आने के बाद शिकायतकर्ता बाली भारद्वाज द्वारा 03.10.2023 को ईसकीं शिकायत जनसुनवाई में कर फर्जी भर्ती पर कार्यवाही की मांग और उक्त पद पर नियमानुसार भर्ती की मांग की थी ।
तीन माह में नही हुआ निराकरण ,महिला फिर पहुँची जनसुनवाई में
जनसुनवाई में तीन माह पूर्व शिकायत करने के बाद एसडीएम ने मामले की जाँच बीइओ आरके यादव को दी थी । जब महिला दोबारा इस शिकायत का हवाला देते हुवे आवेदन देने पहुँची तो शिकायत सुनने वाले एसडीएम साहब के पास कोई जबाब नही था। उल्टा शिक़ायतकर्ता से पूछने लगे कि आपकी शिकायत का निराकरण अभी तक नही हुवा क्या विभाग ने आपको जानकारी नही दी। मतलब अधिकारी जिस विभाग को जांच देते हैं उनके अधिनस्त अधिकारी जांच तक करके नही बताते ओर मामले अपने स्तर पर ही रफा दफा कर देते है। महिला की शिकायत के बाद जनसुनवाई की शिकायत की जांच एक बार फिर बीइओ आरके यादव को दी गई। इस सम्बंध में जब बीइओ साहब से जानकारी चाही गई तो उनका कहना है दो चार दिन में ही जाँच कर के अधिकारी को अवगत करा देंगे।
शिकायत सही तो होगा बड़ा खुलासा
अतिथि शिक्षक के पद के लिए प्रयासरत महिला की शिकायत यदि सही पाई जाती है तो अथिति भर्ती में चल रहे बढे घोटाले का खुलासा हो सकता है । यहां तक कि बीएड ओर डीएड कॉलेजों की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो सकते हैं जो नियमित भर्ती के नाम पर खाना पूर्ति कर तगड़ी फीस वसूल रहे हैं । कही न कही जन जाती कार्य विभाग तक पहुँचे इस मामले को इस हेराफेरी उजागर न हो इसलिए दबाया जा रहा है।