
खाकी वर्दी हो रही दागदारः सीएम हेल्पलाइन शिकायत पर एक और परिवार हुआ प्रताड़ित
थाने पर पुलिस ने बुलाकर पति के विरुद्ध किया झूठा मामला दर्ज तो पत्नी थाने से हुई लापता जिसका नहीं है आज तक कोई पता...
माही की गूंज, झाबुआ।
पुलिस का काम है न्याय व्यवस्था का पालन करवाना और आमजन की समस्याओ को सुनना व न्यायिक कार्रवाई के साथ पीड़ितों को न्याय दिलवाना पुलिस का अहम कार्य है। लेकिन ऐसे कई मामले में सामने आता है कि पुलिस की कार्य प्रणाली से पीड़ितों की पीड़ा बढ़ा देती है और पुलिस अपराधिक कटघरे में खड़े होते दिखाई पड़ती है। वहीं सीएम हेल्पलाइन व्यवस्था आमजन के हित में हर परेशानी से बचने व विधि सम्मत कार्य व योजनाओं का पालन एक ही शिकायत के बाद हो जिसके लिए सीएम हेल्पलाइन व्यवस्था है। लेकिन उक्त सीएम हेल्पलाइन व्यवस्था का उपयोग करना भी कई मामलों में पीड़ितों के हक में न्याय मिलने की जगह उन्हें कई तरह की अधिकारियों द्वारा प्रताड़ना झेलनी पड़ जाती है और यहां तक की जेल की हवा तक खाना पड़ रही है।
माही की गूंज ने कुछ समय पूर्व ही सीएम हेल्पलाइन पर हुई शिकायत का एक मामला उजागर किया था। जिसमें पीड़ित द्वारा सीएम हेल्पलाइन से शिकायत वापस नहीं लेने पर एक नायब तहसीलदार विपक्षी को हथियार बनाकर वह सब कुछ किया जो विधि सम्मत नहीं था।
वहीं पेटलावद थाने के अंतर्गत एक और मामला ऐसा सामने आया जिसमें भी सीएम हेल्पलाइन शिकायत करने पर पुलिस ने थाने पर शिकायत वापस लेने हेतु एक दंपति को फोन कर थाने बुलवाया और शिकायत वापस नहीं लेने पर पीड़ित पति के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर रात भर थाने में रख जेल भेज दिया। वहीं पीड़िता पत्नी को रात भर थाने में रखा व पति को जेल भेजने के बाद पुलिस की कस्टडी में रात भर रही पीड़िता सात माह से लापता है जिसका पता, पति व मायका पक्ष को सात माह के बाद भी अब तक नहीं लग सका है कि आखिर परिवार की वह महिला कहां है...?
यह है पूरा मामला
पेटलावद थाने के दूल्हाखेड़ी निवासी मंजू (22) की शादी एक-डेढ़ वर्ष पूर्व थांदला थाने की खवासा चौकी के अंतर्गत ग्राम रन्नी निवासी दुर्गेश पिता दीपा कटारा के साथ हुई थी। मंजू की जान-पहचान शादी के पूर्व विजय पिता मोतीलाल भूरिया निवासी पत्थरपाड़ा (सारंगी) से थी। मंजू की जान-पहचान के चलते अपने पति दुर्गेश को बिना बताए चांदी की एक पांच सौ ग्राम के करीब की रकम विजय के मांगने पर दे दी थी। जिसको लेकर पारिवारिक कहा- सुनी पति-पत्नी के मध्य भी हुई तथा मामला पुलिस चौकी तक भी पहुंचा। लेकिन विजय ने चांदी की रकम मंजू को नहीं दी इसी दौरान 21 अप्रैल 2023 को खवासा चौकी में पुलिस ने पहले मंजू के बयान लिए जिसके बाद पति दुर्गेश व उनके साथी को बात करने के लिए चौकी के अंदर बुलाया और मंजू को बाहर चौकी परिसर में बैठने को कहा, इसी दौरान मंजू चौकी परिसर से कहीं चली गई। लेकिन मंजू की सूचना दूसरे दिन सुबह 22 अप्रैल 2023 को पुलिस चौकी खवासा के माध्यम से मंजू के पति दुर्गेश को सूचना मिली कि, मंजू पेटलावद थाने के कईडावद-कुंडाल के बीच एक धर्मशाला में बेहोशी की हालत में पड़ी है। जिसके गले में विजय भूरिया को दी हुई वह रकम भी पहनी हुई है जिसका फोटो भी खवासा के एक पुलिस अधिकारी ने दुर्गेश को बताया।
जिसके बाद दुर्गेश व उसका परिवार मंजू को बेहोशी की स्थिति में खवासा चौकी पर लाये जिसके बाद बामनिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक मंजू का कीटनाशक रोधक के संबंध में उपचार हुआ। उपचार के बाद मंजू के साथ पूर्व में व 21 अप्रैल की रात में विजय भूरिया व उसके साथी द्वारा डरा धमका कर बलात्कार करना व सुबह 5 बजे जान से मारने हेतु कीट नाशक दवाई पिलाई जाने संबंधी सारंगी चौकी पर बयान दिए। सुनवाई नहीं होने पर 9 मई 2023 को झाबुआ एसपी को भी लिखित शिकायत की गई। जब मंजू की रिपोर्ट पर एसपी को भी शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर सीएम हेल्पलाइन पर भी न्याय मिलने की आस के साथ दुर्गेश ने अपनी शिकायत की। जिसके बाद मामले को पुरी तरह से दबाने के लिए भी भील भांजगड़ी के साथ मामले को रफा- दफा करने का प्रयास पुलिस ने भी किया। नतीजन 27 मई 2023 को सारंगी चौकी पर एक पुलिसकर्मी ने ही अपने हस्तलेख से कीटनाशक दवाई विजय द्वारा मंजू को पिलाए जाने पर समझौता नामा लेख लिखा व 75 हजार में समझौता करवाकर 10 हजार रूपये नगदी पुलिस ने विजय पक्ष से दिलवाए।
उक्त समझौते के बाद भी सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत के बाद पुलिस परेशान हुई और 29 मई 2023 को दुर्गेश्व व मंजू को सारंगी चौकी प्रभारी रामसिंह चौहान ने 79994 28305 से फोन कर पुलिस थाना पेटलावद बुलवाया।
सीएम हेल्पलाइन शिकायत वापस नहीं लेने पर भेजा दुर्गेश को जेल
पेटलावद-सारंगी पुलिस ने दुर्गेश पर दबाव बनाया कि, आज के आज तू पुलिस के विरुद्ध की गई शिकायत सीएम हेल्पलाइन से वापस ले-ले लेकिन दुर्गेश ने शिकायत लेने से इनकार किया तो दुर्गेश से मोबाइल छीन लिया और पासवर्ड मांगे लेकिन दुर्गेश ने पासवर्ड नहीं दिए तो पुलिस सारी कानून मर्यादा भूल पति-पत्नी को थाने के एक ही लॉकअप में अंदर डाल दिया। वहीं रात्रि साढे 10 बजे तक भी दुर्गेश अपनी जीद पर अड़ा रहा और मोबाइल पासवर्ड पुलिस को नहीं दिए जिसके बाद बौखलाई पुलिस ने मंजू को महिला लॉकअप में डाला और आधी रात के बाद विपक्षी विजय भूरिया को पकड़ कर थाने ले आए। उसके बाद रूपगढ़ रोड पर दुर्गेश व विजय इज्जत के पैसे की मांग करते हुए शांति भंग कर रहे थे की कहानी रच शांति भंग का मामला दर्ज कर एसडीएम कार्यालय में पेश कर दुर्गेश को जेल भेज दिया साथ ही विजय को भी।
पुलिस थाने पर ही थी मंजू जो आज तक भी कहा है यह किसी को नहीं पता
दुर्गेश को तो पुलिस ने बिना किसी अपराध के जेल भेज दिया जो तीन दिन बाद अपनी जमानत करवा कर बाहर आ गया। दुर्गेश जब घर पहुंचा लेकिन मंजू घर पर नहीं होने के चलते, दुर्गेश पेटलावद पुलिस थाने पर अपनी पत्नी को छुड़ाने के लिए गया। तो पुलिस ने दुर्गेश से कहा, तेरी पत्नी को सुबह छोड़ दिया था वह तेरे घर आ गई होगी। जप्त किया मोबाइल मांगने पर पेटलावद पुलिस ने कह दिया उक्त मोबाइल भी तेरी पत्नी को दे दिया था।
पुलिस द्वारा की गई ज्यादती व विजय के द्वारा किया गया अपराध के संबंध में भी 6 जून 2023 को एसपी झाबुआ व 8 जून 2023 को डीआईजी संभाग इंदौर को भी दुर्गेश ने शिकायत दर्ज की। साथ ही पुनः 26 दिसंबर 2023 को भी एसपी झाबुआ को पुलिस थाने से गुमसुदा हुई पत्नी के संबंध में व पुलिस थाने में जप्त किया मोबाइल व उसमें लगी सिम 8085396731, 7440558010 जो अभी बंद ही बता रहा है की शिकायत की। एसपी ने भले ही आस्वस्त मंजू के संबंध में किया, लेकिन दुर्गेश के साथ हुई पुलिस की प्रताड़ना व विजय द्वारा किए गए अपराध की शिकायत में जो भी सही हो या गलत यह तो निष्पक्ष जांच के बाद ही पता चलेगा। जांच सही पाई जाती है तो तय है पुलिस भी अपराधी ही साबित होगी यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन पुलिस थाने में रात भर रही मंजू को पुलिस ने आखिर किसके सुपुर्द किया या पुलिस ने उसे कहा लापता करवा दिया है, पति दुर्गेश के व मायके पक्ष वालों के इन आरोपों का जवाब तो पुलिस को देना ही पड़ेगा। पुलिस अब भी समय रहते मंजू को ढूंढ निकालती है तो सारी स्थिति सामान्य हो सकती है। अगर मंजू नहीं मिली और मंजू को कुछ हो गया तो तय है पुलिस द्वारा ही उत्पन्न की गई यह आफत पुलिस को भी कई मायनो में भारी ही पड़ती नजर आ रही है। हम भी यही प्रार्थना करते हैं कि, मंजू कहीं पर भी हो सही सलामत हो और पुलिस को वह मिल जाए।
7 माह पुर्व पेटलावद थाने से लापता हुई मंजु का अभी तक नही लगा पता।
पिडीत पति दुर्गेश, अपनी पत्नि मंजु को उसके सुपुर्द करने के लिए पुलिस से लगा रहा गूहार।
पेटलाद थाने से लापता मंजु को ले आने व दोषी पुलिस अधिकारी तथा विपक्षीगणो के विरूद्ध कार्रवाई करने हेतु एसपी व डीआईजी को की शिकायत।