आज भी पहचान को तरसता मामाजी का आश्रम और समाधि स्थल
माही की गूंज, बामनिया।
समाजवादी चिंतक और पूर्व राज्यसभा सांसद स्व.मामा बालेश्वर दयाल की 25 वी पुण्यतिथि 26 दिसम्बर मंगलवार को उनकी कर्म स्थली बामनिया में मनाई जाएगी। 25 साल पहले आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासीयो के विकास और उनके सामाजिक सुधार के कार्य करने वाले मामाजी दुनिया से विदा हो गए थ,े लेकिन उनके निधन के बाद से लगातार उनके बामनिया स्थित आश्रम पर उनके अनुयायो का ऐसा जमावड़ा लगना शुरू हुआ कि, आज 25 वर्ष बाद इस स्थान पर मेला लगना शुरू हो गया और हजारो की संख्या में लोगो की भीड़ जुटना शुरू हो गई जो आज भी सतत् रूप से जारी है और यहां आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। मामा बालेश्वर दयाल के शिष्यों में देश की राजनीति में बड़ी बुलंदी हासिल करने वाले नेताओं के नाम शामिल हैं और वो मामा जी के निधन के बाद यहां आते रहे हैं। पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडीज, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश की पूर्व उपमुख्यमंत्री जमनादेवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, भाजपा नेता दिलीप सिंह भूरिया सहित कई बड़ी नामचीन हस्तियां मामा जी के जाने के बाद आते-जाते रहे हैं।
25 वी पुण्यतिथि पर उमड़ेगा भक्तों का सैलाब
26 दिसम्बर को मामा बालेश्वर दयाल के 25 वे पुण्य स्मरण पर भक्तों का भारी सैलाब उमड़ेगा। यहां बामनिया स्थित मामा जी आश्रम पर मामा जी के भक्त एक दिन पहले से बामनिया पहुँचने शुरू हो जाते हैं। सबसे अधिक लोग राजस्थान के बांसवाड़ा ओर डूंगरपुर जिले के आदिवासी अंचल के लोग आते हैं। जहां आज भी मामा जी को भगवान की तरह पूजा जाता है। यहां के आदिवासी निस्वार्थ भाव से पैदल यात्रा कर मामाजी के भजनों को गाते गुनगुनाते पहुचते है। राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश के झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम जिले के सैलाना क्षेत्र और गुजरात के दाहोद व पंचमहल जिले से भी बड़ी संख्या में आदिवासी अंचल के ग्रामीण मामा जी समाधि पर पहुँचते है।
भारत रत्न देने की उठी मांग
जिस तरह से मामाजी आदिवासी अंचल में फैली कुरीतियों को समाप्त कर आदिवासीयो के उत्थान के लिए कार्य किया है। अब उनके लिए भारत रत्न दिए जाने की मांग उठने लगी है। मामा जी की पुण्यतिथि पर लगभग 20 से 25 हजार लोग दो दिन में उनके समाधि स्थल पर पहुँच कर उनमें अपनी आस्था और समाज के लिए किए कार्यो का जीवंत उदाहरण पेश करते हैं। जनता दल यू के नेता पर मामा जी शिष्य हरिओम सूर्यवंशी ने बताया कि, इस बार मामा जी की 25 वी पुण्यतिथि है और इस पर विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। देश मे रही सरकारे मामा जी को उपेशित कर रही है। इस बार हम सभी मामाजी को भारत रत्न दिए जाने की मांग करेगे।
अनदेखी का शिकार मामाजी का आश्रम
मामा जी के निधन के बाद से बदहाली का शिकार हुआ उनका आश्रम आज भी उसी उपेक्षा का शिकार हो रहा है। स्थानीय प्रशासन और मध्यप्रदेश की सरकार की ओर से मामाजी के आश्रम ओर समाधि स्थल पर किसी प्रकार का विकास नही किया है। लगातार उनके आश्रम ओर समाधि स्थल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की जाती रही है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हो पाई है। मामाजी का कर्म क्षेत्र राजस्थान और गुजरात के हिस्से में अधिक होने से यहां आने वाले लोगो की संख्या भी उसी क्षेत्र के लोगो की होने से स्थानीय राजनीति भी इस स्थान को बड़ा बनाने के लिए कोई पहल नही करते। यहां आने वाले भक्तों के लिए रहने, खाने तक की व्यवस्था नही है और हजारो भक्त पूरी रात खुले में भारी ठंड के बावजूद ठिठुरते भजन करते हुए मामाजी को याद करते हैं। पुरषों के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाये ओर बच्चे भी यहां पहुच कर मामा को प्रणाम कर आशीर्वाद लेते हैं।