पेटलावद विकास खण्ड में कांग्रेस की बढ़त को रोक कर भाजपा ने किया जीत का सफर, 164 विधायको में मंत्री पद को लेकर जनता को उम्मीद्
माही की गूंज, पेटलावद।
विधानसभा चुनाव में पेटलावद विधानसभा क्षेत्र को लेकर गूंज का विश्लेषण सटीक रहा। चुनाव को लेकर गूंज की रिपोर्टिंग नतीजों के आसपास ही रही। चुनाव मैदान में पहली बार उतरी भारत आदिवासी पार्टी (बाप) और आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस और भाजपा के समीकरण बिगाड़े जिसका पूर्व में आंकलन गूंज द्वारा किया गया था। पेटलावद विकास खण्ड में बाप ने कांग्रेस तो आप ने रामा में भाजपा को बढ़ा नुकसान किया। कांग्रेस को पेटलावद विकास खण्ड में पूर्व में 2018 चुनाव में मिली बढ़त को बनाये रखने की चुनौती ओर रामा में भाजपा को रोकने की चुनौती थी। कही न कही कांग्रेस इसी में चूक कर गई और पेटलावद विधानसभा में पूर्व के तरह बढ़त को नही ला पाने के चलते हार का सामना करना पड़ा। हालांकि कांग्रेस पेटलावद विकास खण्ड कड़ी चुनौती के बाद भी मामूली अंतर से जीतने में कामयाब रही तो रामा में भी भाजपा पर कुछ हद तक लगाम लगाई लेकिन जीत के जरूरी आंकड़े से दूर ही रही।
पेटलावद विकास खण्ड में बाप ने कांग्रेस का किया बडा नुकसान बना हार का कारण, आप ने भाजपा को दिया झटका
विधानसभा चुनाव के नतीजे अन्य दलों के प्रदर्शन पर पूरी तरह निर्भर हो गए थे और हुआ भी ऐसा ही। गूंज के दावे के अनुसार कांग्रेस पेटलावद से बढ़त बनाने में सफल रहेगी ऐसा कहा गया था, जो सही साबित हुआ। लेकिन बाप की वोट संख्या में कांग्रेस का आंकलन गलत साबित हुआ। कांग्रेस को पेटलावद विकास खण्ड से बाप की उपस्थिति के चलते दस हजार के लगभग बढ़त की उम्मीद् थी जो कि, पिछले चुनावों में 17 हजार के लगभग थी। कांग्रेस का मानना था कि, बाप का काफिला 7 से 8 हजार मतों पर सिमट जाएगा जो बढ़ कर 14 हजार के लगभग चला गया। उसी के चलते कांग्रेस की लीड पेटलावद विकास खण्ड से मात्र 14 सौ मतों पर अटक गई, वही कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बना।
रामा विकास खण्ड में भाजपा को भी नुकसान उठाना पड़ा। जो आम आदमी पार्टी की उपस्थिति को कांग्रेस का नुकसान समझकर मैदान में उतरी थी, लेकिन गूंज के दावे के मुताबिक ही आप ने कांग्रेस नही भाजपा को नुकसान किया। पारा क्षेत्र के आप प्रत्याशी ने लगभग 5 हजार मत रामा विकास खण्ड से हासिल किए और भाजपा को 2018 में मिली 12 हजार मतो की बढ़त को इस बार 5 हजार के अंतर का नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस को उम्मीद् थी कि, आप प्रत्याशी बाप की तरह रामा में भाजपा का बड़ा नुकसान करेगा लेकिन आप के मतों की संख्या पूरी विधानसभा में 8 हजार के अंदर ही सिमट गया। जहां पेटलावद विकास खण्ड में भाजपा ने कांग्रेस को लंबी लीड लेने से रोका वही कांग्रेस ने भी इस बार रामा विकास खण्ड में भाजपा की लीड को कम करने में कामयाबी हासिल की।
164 विधायको के बीच अटकेगा मंत्री पद, अजजा महिला होने का मिल सकता है लाभ
भाजपा को पूरे प्रदेश में बम्पर जीत मिली और 164 सीटो पर कब्जा किया। ज्यादातर एक्जिट पोल में भाजपा-कांग्रेस में कड़ा मुकाबला था लेकिन भाजपा को बड़ी जीत मिली। लेकिन मालवा की आदिवासी सीटो पर भाजपा को उम्मीद् के मुताबिक सफलता नही मिली। झाबुआ जिले की तीन सीटों में भी भाजपा को एक मात्र सफलता पेटलावद विधानसभा में मिली। अब भाजपा कार्यकर्ताओ ओर क्षेत्र की जनता को उम्मीद् है कि, इस बार मंत्री मण्डल में निर्मला भूरिया को मौका मिलेगा। लेकिन प्रदेश में कई बड़े दिग्ज्जो और ज्यादा सीटें जितने कारण कही न कही क्षेत्र को मंत्री मण्डल में निराश होना पड़ सकता है। मंत्री पद मिलने के लिए सबसे मजबूत पक्ष निर्मला भूरिया आदिवासी सीटो में एक मात्र महिला विधायक है। वही वरिष्ठ नेता दिलीपसिंह भूरिया की बेटी और लम्बे राजनीतिक अनुभव का लाभ मिल सकता है। लोकसभा चुनावों को देखते हुए हर जिले को साधने के प्रयास भाजपा में होना तय है। खास कर उन जिलों में जहा भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा है।